शनिवार, मार्च 29, 2014

भाजपा में बढ़ा विवाद, साबिर ने खुद सदस्यता पर रोक लगाने को कहा

 नई दिल्ली। भाजपा के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के बाद जेडीयू से निकाले गए साबिर अली को भाजपा में शामिल करने के बाद तूफान मच गया है। मुख्तार अब्बास नकवी समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इस फैसले का खुलकर विरोध किया है। इसके अलावा आरएसएस ने भी पार्टी नेतृत्व से कह दिया है कि साबिर अली की सदस्यता रद की जाए। सूत्रों के मुताबिक भाजपा आज साबिर अली से किनारा करने की घोषणा कर सकती है।
इस बीच साबिर अली ने बीजेपी की सदस्यता हासिल करने के बाद उठे विवादों के बाद बिहार के बीजेपी प्रभारी धमर्ेंद्र प्रधान को खत लिखकर आग्रह किया है कि उनकी सदस्यता फिलहाल होल्ड पर रखी जाए। साबिर ने कहा कि एक कमेटी बनाकर उनकी जांच करा ली जाए और वह बेदाग साबित होने तक इंतजार करेंगे। साबिर अली ने यह भी कहा है कि अगर वे दोषी पाए गए तो राजनीति से ही संन्यास ले लेंगे। उधर मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने जिस ट्वीट में साबिर अली को भटकल का दोस्त बताया था, उसे हटा लिया है।
कर्नाटक में श्रीराम सेना के विवादित नेता प्रमोद मुथालिक को शामिल कराकर फजीहत झेल चुकी पार्टी अब साबिर अली को लेकर घिर गई है। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने सार्वजनिक विरोध जताते हुए स्पष्ट कर दिया कि साबिर को बाहर का रास्ता दिखाना ही पड़ेगा। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि आतंकी भटकल और दाऊद इब्राहिम से उसके रिश्ते रहे हैं। अब पार्टी नेतृत्व में खलबली मची है।
बिहार में रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को शामिल कराने के बाद फिर से छक्का मारने की कोशिश में भाजपा अपने ही खिलाड़ी के हाथों आउट हो गई है। दरअसल पार्टी चाहती थी कि साबिर को शामिल कराकर अल्पसंख्यकों के साथ-साथ जदयू को भी संदेश दिया जाए। लेकिन खुद ही फांस में उलझ गई। इस संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता है कि साबिर भी मुथालिक की तरह ही अगले दरवाजे से भाजपा मे घुसकर पिछले दरवाजे से बाहर हो जाएं।
साबिर के भाजपा में शामिल होने के साथ ही नकवी ने ट्वीट कर कहा- 'भटकल के दोस्त भाजपा में .अब दाऊद की बारी.।' दैनिक जागण से बातचीत मे उन्होंने कहा कि भटकल मुंबई में साबिर के घर से पकड़ा गया था। गुलशन कुमार हत्या मामलें में दाऊद के साथ साबिर की भूमिका घेर में थी। ऐसा व्यक्ति भाजपा में कैसे आ सकता है। मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि किसने कहने पर उस शामिल कराया गया है।
ट्वीट आते ही भाजपा नेतृत्व में भी सलाह-मशविरा का दौर शुरू हो गया। सूत्रों के अनुसार साबिर को लेकर शुरू से संदेह तो था लेकिन शायद जोश कुछ ज्यादा था। बताते हैं कि शामिल कराने से पहले भी कुछ नेताओं ने आशंका जताई थी लेकिन उन्हें आश्वस्त कर दिया गया था कि साबिर के उपर चल रहे केस खत्म हो गए हैं। अब जबकि पार्टी के अंदर ही खुलेआम आवाज उठ गई है तो स्थिति संभालने की कवायद तेज हो गई। सूत्रों के अनुसार साबिर से जुड़े सभी मामलों पर जानकारी इकट्ठी की जा रही है। बहरहाल आशंका है कि साबिर भी मुथालिक की गति को प्राप्त हो सकते हैं।
गौरतलब है कि नमो की प्रशंसा कर जदयू नेतृत्व का कोप झेल चुके साबिर शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए तो कहा कि उन्होंने ठोक बजाकर देख लिया है, अल्पसंख्यकों का भी विकास भाजपा के ही शासन में हो सकता है। साबिर ने भाजपा प्रभारी धर्मेद्र प्रधान, महासचिव जेपी न और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले ली।
साबिर मामले में गुरुमूर्ति ने भी ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि अक्लमंदों की बेवकूफाना हरकत।
-गुरुमूर्ति
साबिर अली के मुंबई आवास से भटकल पकड़ा गया था। गुलशन कुमार हत्या मामले में दाऊद के साथ साबिर का नाम है, मैं उसे भाजपा में कैसे बर्दाश्त कर सकता हूं।
-मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा उपाध्यक्ष

कोई टिप्पणी नहीं: