मंगल पांडे, सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत थे।
जीवन वृतउनका जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगपा गाँव में हुआ था। वे , कोलकाता के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में 34 वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री के एक सिपाही थे। भारत की आजादी की पहली लड़ाई अर्थात 1857 के विद्रोह की शुरुआत उन्हीं के विद्रोह से हुई। २९ मार्च सन 1857 को उन्होने अंग्रेज अफसरों पर आक्रमण कर दिया। उन्होने अपने अन्य साथियों से उनका साथ देने का आह्वान किया। किन्तु उन्होने उनका साथ नहीं दिया और उन्हें पकड लिया गया। उन पर मुकदमा (कोर्ट मार्शल) चलाकर 6 अप्रैल को मौत की सजा सुना दी गई। 18 अप्रैल को उन्हें फांसी की सजा मिलनी थी। किंतु इस निर्णय की प्रतिक्रिया विकराल रूप न ले सके, इस रणनीति के तहत ब्रिटिस सरकार ने मंगल पांडे को दस दिन पूर्व ही 8 अप्रैल सन 1857 को फांसी दे दी। मंगल पांडे द्वारा लगायी गयी चिनगारी बुझी नहीं। एक महीने बाद ही 10 मई सन 1857 को मेरठ की छावनी में विप्लव (बगावत) हो गया । यह विपलव देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में छा गया और अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना आसान नहीं है।
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