मंगलवार, मार्च 15, 2016

कन्हैया के खिलाफ याचिका खारिज, याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की फटकार

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Kanhaiya_Kumar
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यायल छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार हाईकोट ने राहत दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया के खिलाफ दाखिल की गई एक और याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने से मना करते हुए खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट ने उलटी लताड़ ही लगा दी। याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट ने पूछा कि आप कह रहे हैं कि आप भारतीय नागरिक हैं, तो आप ये बताएं कि आज तक आपने कितने मामले में दखल दी है? साथ ही कहा कि आप जैसे समाजसेवियों की देश को जरूरत नहीं है, देश की एजेंसियां जानती हैं कि उन्हें क्या करना है?
हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया था कि कन्हैया से जुड़े मामले की जांच आईबी से करई जाए। जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। साथ ही याचिका में कहा गया था कि जमानत से रिहा होने के बाद कन्हैया कुमार ने जमानत की शर्तें तोड़ी हैं।
इसके साथ ही कन्हैया कुमार ने मंगलवार को कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित करने की कोई चेतावनी नहीं मिली है। मंगलवार को जेएनयू छात्रों के होने वाले ‘आजादी’ मार्च में पांच मांगें रखी जाएंगी। इन मांगों में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को पद से हटाने की मांग भी शामिल है। जानकारी के अनुसार जेएनयू की जांच कमेटी ने कन्हैया कुमार सहित पांच छात्रों को यूनिवर्सिटी से निष्कासित करने की सिफारिश की है। जांच में 9 फरवरी को जेएनयू कैम्पस में अफजल गुरु की वर्षगांठ पर हुए समारोह में लगे भारत विरोधी नारों में कन्हैया कुमार और उनके साथियों की भूमिका बताई गई है। पैनल की रिपोर्ट के बाद 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, इन छात्रों में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बण भट्टाचार्य भी शामिल हैं।
छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि हमें कारण बताओ नोटिस जरूर जारी किया गया है, लेकिन उसमें निष्कासन का कहीं कोई जिक्र नहीं है। साथ ही उन्होंने संकेत दिए हैं कि पैनल की रिपोर्ट की परवाह किए बिना छात्र अपना विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे। कारण बताओ नोटिस में छात्रों को यूनिवर्सिटी के नियम-कायदों के उल्लंघन का आरोपी बताया गया है। छात्रों को इस नोटिस का जवाब बुधवार तक देना है। नोटिस पर छात्रों और जेएनयू टीचर्स का कहना है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। हमें बताया जाए कि किन सबूतों के आधार पर छात्रों को आरोपी बनाया गया है। साथ ही कुमार, खालिद और भट्टाचार्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला हटाने की मांग की है।
आप को बताते चले कि 9 फरवरी को हुए कार्यक्रम के बाद दूसरे दिन कन्हैया कुमार गिरफ्तार किया था। बाद में खालिद और भट्टाचार्य ने अपने आप को पुलिस के हवाले किया था। इन सभी पर देशद्रोह का आरोप है। कन्हैया को तीन मार्च को जमानत पर रिहा कर दिया गया था, जबकि खालिद और भट्टाचार्य अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।

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