नई दिल्ली। बैंकों के करोड़ों रुपये लेकर डिफाल्ट मामले में देश छोड़ कर गए
विजय माल्या पर निगरानी में आलोचनाओं का सामना कर रही सीबीआई ने अपनी गलती
स्वीकार की हैं। सीबीआई की ओर से कहा जा रहा है कि आव्रजन ब्यूरो को भेजे
गए नोटिस में माल्या को हिरासत में लेने की बात थी। लेकिन सीबीआई की ओर से
असावधानी बरती गई और माल्या फरार होने में सफल रहे। माल्या के देश से
फरार होने के बाद सरकार पर विपक्ष हमला कर रही है। इन्ही हमलों के कारण
माल्या को लेकर राजनीति काफी गरमाई हुई है। सीबीआई की प्रवक्ता ने शुक्रवार
को मीडिया को बताया कि 10 अक्टूबर 2015 को छापेमारी के दौरान माल्या नहीं
मिले थे। उसके बाद एजेंसी ने आव्रजन ब्यूरो को पत्र लिखकर कहा था कि
आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रपये के ऋण डिफाल्ट मामले में माल्या की
उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में सर्कुलर
में आरोपी को हिरासत में लेने वाले कॉलम को एक एसपी स्तर के अधिकारी ने
गलती से भर दिया था। प्रवक्ता ने कहा कि 23 नवंबर को सीबीआई के मुंबई
कार्यालय को आव्रजन ब्यूरो ने माल्या के आने के बारे में सूचित किया था।
ब्यूरो ने पूछा था कि क्या करना है। ऐसे में एजेंसी ने सुधारात्मक उपाय
करते हुए आव्रजन ब्यूरो से कहा कि उन्हें गिरफ्तार न किया जाए और सिर्फ
उनकी आवाजाही की जानकारी दी जाए। लुकआउट सर्कुलर में हिरासत को बदलकर सिर्फ
आवाजाही की सूचना उपलब्ध कराना कर दिया गया। जिसका फयदा उठा कर माल्या देश
छोड़ कर चले गए। www.visharadtimes.com
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