रविवार, जून 15, 2014

छह महीने में हो सकते हैं दिल्ली में विधानसभा चुनाव

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में छह महीने के अंदर विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। यहां की तीनों प्रमुख पार्टी भाजपा, कांग्रेस और आप का मानना है कि अब जनता के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
इन पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने स्वीकार किया कि उनके विधायक चुनाव नहीं चाहते हैं लेकिन राजनीतिक स्थिति को देखते हुए दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा नए चुनाव के लिए तैयार है। पार्टी ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता का मानना है कि कोई पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है ऐसे में जनता के पास जाना ही एकमात्र विकल्प बचता है।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को बताया है कि वे चुनाव के पक्ष में नहीं हैं लेकिन उनसे चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा गया है। दिल्ली में 17 फरवरी 2013 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उम्मीद की जा रही है कि उप राज्यपाल नजीब जंग महीना-दो महीने के अंदर यहां की राजनीतिक स्थिति के बारे में केंद्र को रिपोर्ट सौंप सकते हैं। अब गेंद उप राज्यपाल के पाले में है। दिल्ली भाजपा के सूत्रों के मुताबिक उप राज्यपाल की रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में फैसला लिया जाएगा कि राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए और बढ़ाया जाए या नया चुनाव कराया जाए

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