लखनऊ। कानपुर के आर्यनगर विधानसभा में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में जमकर हंगामा हुआ। जिसमें पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी के साथ पूर्व पार्षद ने अभद्रता कर डाली। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने मामला शांत कराने का प्रयास किया लेकिन मामला नहीं सुलझा। बाद में जिलाध्यक्ष ने उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया।
महानगर अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी के अनुसार सम्मेलन शुरू होने पर डॉ. जोशी ने मंच पर विराजमान लोगों का नाम बोलना शुरू किया तभी सामने से पूर्व पार्षद विकास जायसवाल की आवाज आई। बाबू जी खड़े होकर बोलिए आवाज नहीं आ रही'। इसके बाद बोले कि जब से आप आएं है तब से बैठे ही हैं। खड़े होकर नहीं मिलना था तो चुनाव में क्यों खड़े हो गए। कार्यकताओं ने पूर्व पार्षद को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन उनके साथ कुछ और लोगों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी।
उसने कुछ विधायकों पर भी आरोप लगाए। इस पर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने सार्वजनिक रुप से पूर्व पार्षद को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा कर दी। तब जाकर मामला शांत हो सका। पूर्व पार्षद विकास जायसवाल ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता यदि अपने सम्मेलन में बात नहीं कहेगा तो कहां कहेगा। यह वही पूर्व पार्षद हैं जिनका झगड़ा पूर्व एसएसपी यशस्वी यादव से हुआ था तो पूरी भाजपा इनके पक्ष में आ गई थी।
हंगामे के पीछे गुटबाजी तो नहींकार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान हुए हंगामे के पीछे शहर भाजपा में लंबे समय से चली आ रही गुटबाजी उभर कर सामने आ गई। चर्चा है कि टिकट की लाइन में लगे कुछ उम्मीदवार जो डा. जोशी के नाम को शहर में पसंद ही नहीं कर रहे थे। यह सब उन्होंने ही प्रायोजित किया हो। हालांकि सुरेन्द्र मैथानी ने इसका आरोप विरोधी पार्टियों के सिर मढ़ा है।
शहीद के घर पहुंचे जोशीलोकसभा प्रत्याशी मुरली मनोहर जोशी कल शहीद आशीष यादव के घर पहुंचे। उन्होंने दुखी परिवारवालों को सांत्वना देने के साथ ही हर सुख दुख में साथ रहने का वादा किया। दो दिन पूर्व ग्वालियर के पास हुए हरक्युलिस विमान हादसे में मंगला विहार निवासी एयरफोर्स पायलट आशीष यादव शहीद हो गए थे। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार हुआ था। रविवार को उनके आवास पर मुरली मनोहर जोशी पहुंचे। उन्होंने परिवारवालों के साथ घर पर आधा घंटा बिताया।
भाजपाइयों ने किया पुतला दहन
शहर में भाजपा का बाहरी प्रत्याशी बर्दाश्त नहीं होगा। महालक्ष्मी गेस्ट हाउस में रविवार को हुई बैठक के बाद कार्यकर्ताओं ने यह फैसला लिया व जाजमऊ चौराहे पर डा. जोशी का पुतला दहन कर दिया।
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