सोमवार, मार्च 31, 2014

रेलवे का नया नियम, अगर ऐसे पाए गए तो हो जाएंगे बे-टिकट

अलीगढ़। दैनिक यात्री रेलवे का नया अनाउंसमेंट भी सुन लें.यात्रीगण कृपया अपने चरित्र पर भी ध्यान दें। दामन पर दाग हैं तो रेलवे आपको बे-टिकट कर देगा।' घोषणा सुनाई बेशक नहीं दे रही, अमल का आदेश जारी हो चुका है। रेलवे उन्हें ईएमयू में यात्रा के मासिक (एमएसटी) या त्रैमासिक सीजन टिकट (क्यूएसटी) नहीं देगा, जिनके विरुद्ध कानूनी मामले दर्ज हैं। दैनिक यात्रियों को टिकट बनवाने के समय इसका शपथपत्र भी देना होगा। ऐसा भी मत सोचिये कि झूठ बोलकर बच लेंगे। पोल खुली तो टिकट तो निरस्त होगी ही, कानूनी कार्रवाई भी करेगा।
नया फरमानरेलवे ने कानूनी मामलों में फंसे लोगों से ईएमयू में सीजनल टिकट के जरिये यात्र का हक छीन लिया है। अब सिर्फ पाक-साफ यात्रियों का ही टिकट बन रहा है। रेलवे इनसे एक शपथ पत्र ले रहा है कि किसी थाने में आइपीसी या रेलवे एक्ट के तहत केस तो नहीं दर्ज? बोर्ड के फरमान को उत्तर मध्य रेलवे ने लागू कर दिया है।
फंसे तो मिलेगी सजाशपथपत्र देना महज औपचारिकता नहीं है। केस छुपाने पर सबसे पहले टिकट रद होगा। भविष्य में टिकट भी नहीं मिलेगा। कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
आते रहे बदलावएमएसटी-क्यूएसटी की शर्तो में बदलाव पहली बार नहीं हुआ। पहले सिर्फ पैसा देकर टिकट मिल जाती थी। सुरक्षा कारणों के चलते दशकभर पहले टिकट पर यात्री का फोटो अनिवार्य कर दिया गया। नया बदलाव शपथ पत्र देने का आया है।
स्टेशन के नोटिस बोर्ड पर लगी सूचना।आपराधिक घटनाओं पर रोकथाम के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया है। ट्रेनों में आए दिन हो रही घटनाओं ने इसके लिए मजबूर किया है। रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर दिया है।
- प्रवक्ता, रेलवे बोर्ड
रेलवे अब जीआरपी व आरपीएफ के जरिए दैनिक यात्रियों का रिकॉर्ड रखने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत हर स्टेशन से जारी एमएसटी-क्यूएसटी का फोटो दोनों सुरक्षा एजेंसियों को रखना होगा। कोई शक होने पर इन यात्रियों से संपर्क साधा जा सके।
एमएसटी व क्यूएसटी पर शपथ पत्र लेने का औचित्य समझ नहीं आया। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी।

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