बुधवार, मार्च 26, 2014

केजरीवाल के सवालों पर मोदी ने पहली बार दिया जवाब

केजरी के सवालों पर मोदी का जवाब


केजरी के सवालों पर मोदी का जवाब लोकसभा चुनावों में कुछ अंतर पैदा करने की ख्वाहिश लिए उतरी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल दिल्ली से लेकर बनारस तक बार-बार भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी से कुछ सवालों के जवाब मांग रहे हैं।

यह सिलसिला कानपुर रैली से शुरू हुआ और जब केजरीवाल गुजरात दौरे पर गए थे, तो उन्होंने 16 सवालों की एक फेहरिस्त मीडिया के सामने रखी। इन्हीं सवालों को लेकर मोदी से मुलाकात की कोशिश भी हुई, लेकिन ऐसा हो न सका।

मोदी ने इसके बाद कुछ रैलियों को संबोधित किया, बयान जारी किए लेकिन केजरीवाल के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। लेकिन अब मोदी की गुजरात सरकार ने केजरी के सवालों पर जवाबी हमला बोला है।

गुजरात दौरे पर लगाए थे इल्जाम

अरविंद केजरीवाल से जब-जब यह पूछा गया कि बीते दस साल से सत्ता में कांग्रेस थी, ऐसे में उनके हमले मोदी पर क्यों हो रहे हैं, तो उनका कहना था कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है, लेकिन जो विकल्प देश के सामने रखा जा रहा है, वो उससे ज्यादा अलग नहीं है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केजरीवाल अपना कद बढ़ाना चाहते हैं और इसलिए मोदी पर निशाना लगा रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा की रणनीति यह रही कि उसके नेता आम आदमी पार्टी पर लगातार हमले करें, लेकिन मोदी ने केजरीवाल के अब तक कुछ नहीं कहा।

केजरीवाल बनारस से मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं और पहले ही कह चुके हैं कि वो जीतने के लिए हराने के लिए आए हैं। लेकिन बार मोदी ने आम आदमी पार्टी के नेता को जवाब दिया है।

झूठ बोल रहे हैं केजरीवालः गुजरात सरकार

मोदी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल के सवालों का जवाब देना इसलिए जरूरी हो गया था, क्योंकि वो चुनावों के मौसम में वोटों की राजनीति क रहे हैं और लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।

केजरीवाल ने 16 सवाल भेजे थे, जिनमें से कुछ के जवाब मोदी सरकार की ओर से आए हैं। अरविंद केजरीवाल का कहना था कि गुजरात सरकार किसानों की जमीन छीन रही है और मोदी की यही रणनीति है, जिसे वो विकास का मॉडल बताते हैं।

इस पर गुजरात सरकार का जवाब है कि केजरीवाल भले कुछ कहे, लेकिन हकीकत यह है कि देश की सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की तारीफ की है।


दस साल में एक किसान ने की आत्महत्या'

अरविंद केजरीवाल का कहना था कि गुजरात में खेती की हालत खराब है और मोदी सरकार के शासन में किसानों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उनका दावा था ‌था कि वहां 5874 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।

लेकिन गुजरात सरकार ने इस इल्जाम पर जवाब देते हुए कहा है कि गुजरात में पिछले दस साल में केवल एक किसान ने आत्महत्या की है और इस तरह के तमाम आरोप, कुछ और नहीं बल्कि झूठ का पुलिंदा है।

केजरीवाल ने किसानों का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। उन्होंने कहा था कि पंजाब के हजारों किसान बरसों से गुजरात में बसे हैं, लेकिन मोदी सरकार उन्हें अब हटाना चाह रही है।

'95 फीसदी लघु उद्योग इकाइयां कार्यरत'

'95 फीसदी लघु उद्योग इकाइयां कार्यरत'इसी तरह आम आदमी पार्टी ने मोदी की आर्थिक और व्यापारिक नीतियों को लेकर भी सवाल खड़े ‌किए थे। अर‌विंद केजरीवाल का कहना था मोदी छोटी इकाइयों को बंद करना चाहते हैं और केवल अडानी-अंबानी जैसे बड़े कारोबारी घरानों को मौका दे रहे हैं।

आम आदमी पार्टी का दावा था कि मोदी के कार्यकाल में गुजरात में 60 हजार औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी हैं। लेकिन गुजरात सरकार ने जवाब दिया है कि यह सरासर गलता है और सूबे में ऐसे 95 फीसदी उद्योग अब भी काम कर रहे हैं।

अंबानी और अडानी को लेकर केजरीवाल लगातार मोदी पर निशाना साध रहे हैं। गैस कीमत हो या हेलिकॉप्टर में सफर करना, आम आदमी पार्टी अंबानी के कंधे पर बंदूक रखकर लंबे वक्‍त से मोदी पर हमला कर रही है।

एफडीआई के खिलाफ है भाजपा'

इसके अलावा आम आदमी पार्टी छोटे कारोबारियों पर डोरे डालने के लिए एफडीआई की मुखालफत कर रही है। इस पर गुजरात सरकार का कहना है कि वह एफडीआई के खिलाफ है।

गुजरात सरकार का कहना है कि केजरीवाल भ्रम फैला रहे हैं। इन तमाम जवाब पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि जो बयान दिया है, उस पर हम मीटिंग करके जवाब देंगे।

उन्होंने कहा, "हम अपने मुद्दों पर कायम हैं। पार्टी इस पर जवाब देगी। हम बात करेंगे।" जाहिर है, गुजरात सरकार की तरफ से अब गेंद केजरीवाल के पाले में डाल दी गई है।


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