शुक्रवार, अक्तूबर 11, 2013

पुराने रिश्तों ने बदले जयाप्रदा के लिए समीकरण

रामपुर में बुधवार को राहुल गांधी की धन्यवाद रैली के मंच पर वहां की सांसद जया प्रदा को भी रहना था। लेकिन, दो दिन पहले पार्टी हाईकमान और नूरमहल के बीच रिश्तों को लेकर हुई कई दौर की बातचीत के बाद सारे समीकरण बदल गए। यही वजह थी कि पहले जहां कुछ नेताओं ने तो राहुल की रैली की होर्डिंग में जया प्रदा का फोटो भी लगवा दिया था, उन्हें रातों रात हटाना पड़ा।

कांग्रेस के एक बड़े नेता का कहना है कि रामपुर की सांसद जयाप्रदा लंबे अर्से से कांग्रेस हाईकमान के सम्पर्क में हैं। जयाप्रदा की औपराचित रूप से कांग्रेस में ज्वानिंग की घोषणा होनी थी, लेकिन तेलंगाना मुद्दे के चलते यह घोषणा टल गई। इससे पहले जयाप्रदा के वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लग चुकी हैं लेकिन, कांग्रेसी नेता का कहना है कि जयाप्रदा के कांग्रेस में शामिल होने का खाका तैयार हो चुका है। कांग्रेसी नेताओं की माने तो पहले तय हुआ था कि नौ अक्टूबर को रामपुर में राहुल गांधी की रैली में ही जया प्रदा की कांग्रेस ज्वाइनिंग के साथ ही उनके टिकट की घोषणा कर दी जाएगी। इसके चलते राहुल टीम ने पूरी तैयारी भी कर ली थी।
पार्टी सूत्रों की माने तो छह अक्टूबर तक तय था कि जया प्रदा धन्यवाद रैली में मौजूद रहेंगी। लेकिन, अचानक स्थानीय नेताओं को पार्टी हाई कमान की ओर से संदेश मिला कि जया प्रदा रैली में नहीं आएंगीं। अचानक हुए इस बदलाव के पीछे पार्टी के वरिष्ठ नेता दस जनपथ और नूरमहल के बीच बातचीत को मान रहे हैं। यह सच है कि आजादी के पहले से रामपुर के नवाबों से नेहरू और गांधी जी के रिश्ते थे। आजादी के बाद भी नूर महल पर हमेशा कांग्रेसी तिरंगा ही लहराया है। नवाब मिक्की मियां की मौत के बाद बेगन नूर बानो ने रामपुर में कांग्रेस का झंड़ा बुलंद रखा। काजिम मियां जरूर बसपा और सपा में गए, लेकिन बेगम नूर बानों ने बुरे वक्त में भी कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा। पार्टी सूत्रों की मानें तो वार्ता में पुराने रिश्तों का जिक्र आने के बाद फिलहाल रैली में जया प्रदा को आने से रोक दिया गया।

वैसे जया प्रदा के आने की तैयारी कांग्रेसियों ने इतने बड़े पैमाने पर थी कि रैली स्थल पर कांग्रेसियों ने जो होडिंग लगवाये थे, उसमें जया प्रदा का भी फोटो था। ये होडिंगें सितारगंज के कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके सुरेश गंगवार की थीं, जिन्हें लगने के बाद रातो रात हटाना पड़ा। पार्टी नेताओं की माने तो जयाप्रदा ने पहले ही सोनिया गांधी के सामने दो जगहों से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जतायी है। पहली उनके गृह राज्य आंध्र प्रदेश की राजमुंद्री लोकसभा सीट और दूसरी यूपी की रामपुर सीट। हालांकि, बेगम नूर बानों शुरू से जया प्रदा के खिलाफ चुनाव लड़ती रही हैं। वह शुरू से ही कहती रही हैं कि रामपुर में सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच होनी है। मुझे नहीं लगता कि जयाप्रदा को यहां से लड़ाने में पार्टी का कोई फायदा होगा।

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