शुक्रवार, अक्तूबर 11, 2013

अखिलेश सरकार में 'दबंग' राजा भैया की वापसी

लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार शुक्रवार हुआ। राजभवन में हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी की सियासत में दबंग नेता माने जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की एक बार फिर अखिलेश सरकार में वापसी हो गई है। राजा भैया की मंत्रिमंडल में वापसी के पीछे आगामी लोकसभा चुनाव को माना जा रहा है। यूपी के सियासी पंडितों का कहना है कि यूपी में राजपूत वोट हासिल करने के मकसद से राजा भैया को अखिलेश सरकार में फिर से जगह दी गई है।

15 मार्च, 2012 को सरकार बनने के बाद यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार 9 फरवरी को हुआ था। इसमें 10 मंत्रियों को जगह दी गई थी। इसके बाद बीती 18 जुलाई को भी मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इसमें 3 मंत्री बनाए गए। एक को प्रमोशन भी दिया गया। अब यह चौथा मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। इस विस्तार में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की अखिलेश सरकार में वापसी हुई है।

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विस्तार
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार की तरह इस विस्तार का आधार भी लोकसभा चुनाव ही रहा है। लगातार उपेक्षा की वजह से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि रघुराज प्रताप सिंह बीजेपी के करीब जा सकते हैं। इसी डर की वजह से मंत्रिमंडल में उनकी वापसी हुई है। साथ ही कहा जा रहा है कि यूपी में आज की तारीख में राजपूत नेताओं में सबसे बड़ा चेहरा राजा भैया का ही है। अगले लोकसभा चुनावों में राजपूत वोटों को हासिल करने के लिए भी राजा भैया की मंत्रिमंडल में वापसी तय थी।

सीबीआई से क्लीन चिट
राजा भैया को बीती 2 मार्च को सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या के बाद चार मार्च को इस्तीफा देना पड़ा था। सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। पिछले 1 अगस्त को राजा भैया को सीबीआई ने अपनी फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद से ही राजा भैया के समर्थक उन्हें मंत्री बनाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगे थे। इसके बाद राजा भैया की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से नजदीकी और मुलाकात की भी चर्चा छिड़ी। बाद में उनके बीजेपी जाने की भी चर्चा होने लगी थी।

आजम मनाने गए थे राजा को
समाजवादी पार्टी तक में यह जाना जाता है कि राजा भैया को मंत्री न बनने देने में आजम खां ही सबसे बड़ा रोड़ा थे। पर, बीते शनिवार को खुद आजम रघुराज प्रताप सिंह के घर पर जौहर विश्वविद्यालय में होने वाले समारोह का आमंत्रण लेकर गए। वहां मान-मनौव्वल का भी दौर चला। इसके बाद यह पुख्ता हो गया कि राजा के मंत्री बनने के रास्ते साफ हो गए हैं। हालांकि, क्लीन चिट मिलने के बाद बीती 3 अगस्त को खुद राजा भैया भी एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मिलकर अपनी सफाई दे चुके थे।

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