सोमवार, जनवरी 21, 2013

चीन में युद्ध की तैयारियां शुरू



चीन में युद्ध की तैयारियां शुरू
बीजिंग। जापान के साथ द्वीप विवाद दिन-ब-दिन गहराते जाने और अमेरिका के खुलकर जापान के पक्ष में आ जाने से चीन ने युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी हैं। चीन की ताकतवर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सामान ढोने के काम में लगी हेलीकॉप्टर यूनिटों से लड़ाकू अभियान की तैयारियां करने को कहा है। अमेरिका के जापान के साथ खड़े होने और चीन की हठधर्मिता के कारण दियोऊ द्वीपसमूह विवाद में स्थितियां नियंत्रण के बाहर जाती दिख रही हैं।
चीन की सेना के आधिकारिक अखबार 'पीएलए डेली' ने विमानन इकाई के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, प्रशिक्षण कार्यक्रम में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं। विमानन इकाई में ज्यादा से ज्यादा हेलीकॉप्टर जोड़े जा रहे हैं। सामान ढोने का काम छोड़कर हम लड़ाकू अभियानों में जुटने वाले हैं। हम विशुद्ध लड़ाकू अभियानों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने भी लिखा है कि विमानन इकाई लंबी दूरी के अभियान, समुद्र तट से दूर विशाल अभियान संचालित करने, लड़ाई के समय दूसरी यूनिटों से संपर्क बनाने और दुश्मन के इलाके में सैनिक उतारने जैसे अभ्यास करेगी। इस यूनिट को तकनीकी रूप से मजबूत करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
चीन में दियोऊ और जापान में सेनकाकू के नाम से जाने वाले द्वीपसमूह पर जारी तनातनी के बाद दोनों देशों की सेना विशेष तैयारी में जुट गई हैं। हाल में जापानी सेना की हेलीकॉप्टर यूनिट ने द्वीपसमूह पर किसी संभावित हमले की सूरत में छद्म अभ्यास किया था। पीएलए ने ताजा कदम जापान के इसी युद्ध अभ्यास को देखते हुए उठाया है। चीन के जंगी जहाज और विमान भी इन दिनों द्वीपसमूह पर हमले के अभ्यास में जुटे हुए हैं। पीएलए के जनरल स्टाफ हेडक्वार्टर ने 15 जनवरी को कमांडरों और सैनिकों को लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा था।
चेतावनी हमले कर सकता है जापान
टोक्यो। जापान ने रविवार को कहा कि यदि विदेशी लड़ाकू विमानों ने उसके वायुक्षेत्र में घुसने की कोशिश की तो वह चेतावनी स्वरूप ट्रेसर हमले कर सकता है। ये हमले तेज रोशनी पैदा करते है ताकि रेडियो चेतावनी को अस्वीकार कर रहा पायलट सतर्क हो जाए। चीन के लड़ाकू विमान हाल ही में द्वीपसमूह के बेहद करीब तक आ गए थे।
अमेरिकी चेतावनी हमें स्वीकार नहीं
बीजिंग। चीन ने अमेरिका की उस चेतावनी को अस्वीकार कर दिया है जिसमें उसने चीन से जापान के नियंत्रण वाले द्वीपसमूह से दूर रहने को कहा था। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किन गांग ने कहा, अमेरिका द्वीपसमूह विवाद पर जिम्मेदारी भरा रवैया दिखाए। अमेरिका ने जो बयान दिया उसका तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं। अमेरिका इतिहास से नहीं भाग सकता। यह द्वीपसमूह चीन के विरोध के बावजूद द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका ने जापान को दे दिया था।

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