शुक्रवार, अक्तूबर 11, 2013

जनता के दरबार में होगी शीला और केजरीवाल की खुली बहस?



नई दिल्ली।। दिल्ली में इस साल 4 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से खुले मंच पर बहस की चुनौती को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि औपचारिक सहमति वह डिबेट के फॉर्मैट और मॉडरेटर का नाम देखने के बाद ही देंगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर दिल्ली में भी मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार जनता के बीच जनता के मुद्दे पर सीधी बहस करते दिख सकते हैं।

केजरीवाल ने जून में ही पत्र लिखकर शीला दीक्षित को जनता के बीच खुली बहस की चुनौती दी थी। इसके बाद भी वह कई बार शीला को ललकार चुके थे। इस बीच, हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ ने इस मामले में पहल करते हुए दोनों पक्षों को डिबेट के मंच पर लाने की कवायद शुरू कर दी है। टाइम्स नाउ से बातचीत में शीला ने कहा, 'पहले मुझे तो पता चले कि इसका फॉर्मैट क्या होगा? और कौन इसे मॉडरेट करेगा?'

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैं किसी भी तरह की बहस के लिए तैयार हूं। मेरी शर्तें हैं कि यह जनता के लिए खुली हो, दिल्ली की जनता को इसमें सवाल पूछने की इजाजत हो और इसे मॉडरेट करने वाला शख्स स्वतंत्र मत वाला हो व दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।' आप के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को भी इसमें शामिल होना चाहिए।


गौरतलब है कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बहस के लिए रामलीला मैदान या किसी भी बड़े मैदान में आमंत्रित किया था, जिसमें बहस की तारीख और समय मुख्यमंत्री की सुविधा के हिसाब से ही तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि हमारे पत्र का जवाब अपने राजनीतिक सचिव से लिखवाने के बजाय मुख्यमंत्री को खुद लिखकर देना चाहिए। इससे पहले शीला ने अपने राजनीतिक सचिव पवन खेड़ा से जवाबी पत्र लिखवाया था। केजरीवाल ने इस पर कहा था कि इससे जाहिर होता है कि वह दूसरों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही हैं।

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