हैदराबाद/नई दिल्ली। तेलंगाना गठन को लेकर विरोध की आग में झुलस रहा सीमांध्र बिजली आपूर्ति बाधित होने के चलते अंधेरे से निकल भी नहीं पाया है कि अब आंध्र प्रदेश सरकार को चक्रवात के खतरे ने चिंता में डाल दिया है। आंध्र प्रदेश बंटवारे के खिलाफ बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते बुधवार को चौथे दिन भी तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र अंधेरे में डूबे रहे। बुधवार को बिजली कर्मियों और गैर-राजपत्रित अधिकारियों से मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी की बैठक भी बेनतीजा ही रही।
विजयवाड़ा और रायलसीमा सहित बड़े बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। नतीजतन
विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा जैसे शहरों सहित सीमांध्र में कई-कई घंटे की बिजली कटौती जारी है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि एनटीपीसी और पावर ग्रिड अंधेरे में डूबे आंध्र प्रदेश को बिजली आपूर्ति करेंगी। राज्य सरकार और आंध्र प्रदेश गैर-राजपत्रित अधिकारियों के संगठन के बीच हुई बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका। लिहाजा, गैर-राजपत्रित अधिकारी राज्य बंटवारे के खिलाफ 12 अगस्त से चल रहा अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। बैठक के दौरान संगठन अपने रुख पर कायम रहा और मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी यह भरोसा दिलाते रहे कि जब तक वह सीएम हैं राज्य का बंटवारा नहीं होने देंगे। इस दौरान सीएम ने कर्मचारियों से कहा कि वे तटीय क्षेत्र में चक्रवात के खतरे को ध्यान में रखते हुए हड़ताल वापस लें। वहीं, सीएम की तमाम कोशिशों के बावजूद सीमांध्र की बिजली कंपनियों के कर्मियों ने भी हड़ताल वापस लेने से इन्कार कर दिया।
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार सुबह उत्तरी अंडमान के समुद्र पर उच्च दबाव का क्षेत्र देखा गया। बुधवार शाम 5 बजे 78 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली हवाओं और उच्च दबाव के चलते अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में जबरदस्त बारिश हुई। फिलहाल चक्रवातीय दबाव अंडमान से गुजरकर मध्य-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित हो गया है। अनुमान के मुताबिक, यह चक्रवातीय तूफान 12 अक्टूबर की रात कलिंगपटनम व पारादीप के बीच उत्तरी आंध्र व ओडिशा के तटीय इलाकों से गुजरेगा। इस दौरान हवा की रफ्तार 175-185 किमी प्रति घंटा रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने की चेतावनी जारी कर दी है।
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