मुंबई। बैंकों द्वारा सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने को और विस्तार देने से रिजर्व बैंक ने इनकार कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सुरक्षा के प्रावधान न किए जाने पर अगर क्रेडिट या डेबिट कार्ड से खरीदारी करते समय ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी होती है तो इसका हर्जाना बैंकों को भरना होगा। इस बारे में शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना में कहा गया है कि प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल के लिए बैंक सुरक्षा के कड़े प्रावधान को लागू करें। इसके लिए बैंकों को 30 सितंबर, 2013 तक का समय दिया गया है। ऐसा न होने की स्थिति में इस तारीख के बाद किसी भी नुकसान के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।
इसमें कहा गया है कि अगर देश में किसी भी पीओएस से धोखाधड़ी होती है तो ग्राहक कार्ड जारी करने वाले अपने बैंक से इसकी शिकायत करेंगे। इस पर बैंक को शिकायत की तारीख से तीन कार्यदिवस में कार्रवाई करनी होगी। बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस पीओएस पर धोखाधड़ी हुई है वहां सुरक्षा के अनिवार्य उपायों को अपनाया गया है या नहीं। अगर ऐसा नहीं किया गया है तो कार्ड जारी करने वाले बैंक को विवाद की राशि का भुगतान सात कार्यदिवस में ग्राहक को करना होगा। इस समय तक अगर उसने भुगतान नहीं किया तो आठवें कार्यदिवस से लेकर भुगतान की तारीख तक यह राशि 100 रुपये रोजाना जुर्माने के साथ ग्राहक को देना होगा। राशि अदाकर्ता बैंक पीओएस वाले बैंक से धोखाधड़ी की राशि वसूल सकता है।
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