नैरोबी। केन्या की राजधानी नैरोबी के शॉपिंग मॉल में आतंकियों ने शनिवार
को 39 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हमले में दर्जनों लोग घायल हुए हैं,
जिनमें एक भारतीय शामिल है। हमले के दौरान आतंकियों ने चुन-चुन कर गैर
मुस्लिमों को अपना निशाना बनाया। सेना द्वारा मॉल की घेराबंदी के कई घंटे
बाद भी रुक-रुक कर गोलीबारी जारी थी। केन्याई राष्ट्रपति की ओर से बताया
गया कि एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सरकार ने सोमालियाई आतंकी संगठन अल शबाब पर शक जताया है। अल शबाब ने हमले की जिम्मेदारी तो नहीं ली, लेकिन केन्याई सरकार को लगातार सोमालिया से सैनिक वापस न लेने पर गंभीर परिणामों की लगातार चेतावनी दी जा रही थी।
पुलिस के मुताबिक हमले के वक्त एक हजार लोग मॉल में मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने सात लोगों को बंधक बना रखा है और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आतंकियों ने मॉल में घुसते ही मुस्लिमों को निकल जाने को कहा। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना था कि आतंकी लगातार गैर मुस्लिमों को निशाना बनाने की बात कह रहे थे। हमले के वक्त मॉल में कई भारतीय भी मौजूद थे। मॉल में मौजूद जय पटेल ने कहा कि आतंकी लाइन लगाकर बाहर निकल रहे लोगों से बातें करते और कुछ को गोली मारते जा रहे थे। हमले में घायल भारतीय मूल के सतपाल सिंह ने बताया कि गोली चलाना वाला सोमाली लग रहा था और एके-47 लिए था। अपनी जान बचाने के लिए दो घंटे तक गैराज में छिपे रहे मनीष तुरोहित ने कहा कि आतंकियों की जैकेट से ग्रेनेड साफ दिखाई दे रहे थे। केन्या में बड़ी संख्या में भारतीयों की तादाद को देखते हुए भारतीय दूतावास लगातार स्थिति पर नजर रखे है। दूतावास के अनुसार पूरा स्टाफ सुरक्षित है। केन्या सरकार और भारतीय समुदाय के नेताओं से संपर्क किया जा रहा है।
विदेशी समुदाय में खासे लोकप्रिय इस शॉपिंग मॉल पर आतंकी संगठन ने हमले की धमकी दी थी। इस मॉल में दुनिया भर में मशहूर ब्रांडों के अलावा कई यहूदियों की दुकानें भी हैं। हमले में चार यहूदी बच गए हैं जबकि एक अन्य घायल हुआ है। पुलिस प्रमुख बेनसन किबू ने कहा कि हमलावरों की संख्या 10 से ज्यादा है और उन्हें अंदर ही घेर लिया गया है। पुलिस ने इलाके में हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक कुछ लोगों को बंधक बना रखा है। हालांकि, सरकार या पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। यह हमला 1998 में नैरोबी स्थित अमेरिकी दूतावास पर धमाकों के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। अमेरिकी दूतावास पर हमले में 200 से अधिक लोग मारे गए थे।
अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सरकार ने सोमालियाई आतंकी संगठन अल शबाब पर शक जताया है। अल शबाब ने हमले की जिम्मेदारी तो नहीं ली, लेकिन केन्याई सरकार को लगातार सोमालिया से सैनिक वापस न लेने पर गंभीर परिणामों की लगातार चेतावनी दी जा रही थी।
पुलिस के मुताबिक हमले के वक्त एक हजार लोग मॉल में मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने सात लोगों को बंधक बना रखा है और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आतंकियों ने मॉल में घुसते ही मुस्लिमों को निकल जाने को कहा। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना था कि आतंकी लगातार गैर मुस्लिमों को निशाना बनाने की बात कह रहे थे। हमले के वक्त मॉल में कई भारतीय भी मौजूद थे। मॉल में मौजूद जय पटेल ने कहा कि आतंकी लाइन लगाकर बाहर निकल रहे लोगों से बातें करते और कुछ को गोली मारते जा रहे थे। हमले में घायल भारतीय मूल के सतपाल सिंह ने बताया कि गोली चलाना वाला सोमाली लग रहा था और एके-47 लिए था। अपनी जान बचाने के लिए दो घंटे तक गैराज में छिपे रहे मनीष तुरोहित ने कहा कि आतंकियों की जैकेट से ग्रेनेड साफ दिखाई दे रहे थे। केन्या में बड़ी संख्या में भारतीयों की तादाद को देखते हुए भारतीय दूतावास लगातार स्थिति पर नजर रखे है। दूतावास के अनुसार पूरा स्टाफ सुरक्षित है। केन्या सरकार और भारतीय समुदाय के नेताओं से संपर्क किया जा रहा है।
विदेशी समुदाय में खासे लोकप्रिय इस शॉपिंग मॉल पर आतंकी संगठन ने हमले की धमकी दी थी। इस मॉल में दुनिया भर में मशहूर ब्रांडों के अलावा कई यहूदियों की दुकानें भी हैं। हमले में चार यहूदी बच गए हैं जबकि एक अन्य घायल हुआ है। पुलिस प्रमुख बेनसन किबू ने कहा कि हमलावरों की संख्या 10 से ज्यादा है और उन्हें अंदर ही घेर लिया गया है। पुलिस ने इलाके में हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक कुछ लोगों को बंधक बना रखा है। हालांकि, सरकार या पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। यह हमला 1998 में नैरोबी स्थित अमेरिकी दूतावास पर धमाकों के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। अमेरिकी दूतावास पर हमले में 200 से अधिक लोग मारे गए थे।
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