यह इमारत करीब 33 वर्ष पुरानी थी। 28 कमरों वाली इस इमारत में मुंबई महानगरपालिका के कर्मचारियों के 21 परिवार रहते थे। बरसात से पहले ही इस इमारत का निरीक्षण कर इसे खतरनाक घोषित कर सी टू श्रेणी में रखा गया था। मझगांव इलाके में ब्रहमदेव खोटमार्ग के पास की यह इमारत डॉकयार्ड रोड के बेहद करीब है।
शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर उन्हें राहत कार्याें में तेजी लाने और कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए थे। कल ही उन्होंने जेजे अस्पताल जाकर इस घटना से घायल लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार सभी दोषियों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। बीएमसी ने इसकी जांच के लिए दो कमेटियों का गठन किया है साथ ही इस तरह की अन्य इमारतों की पहचान करने के भी निर्देश दिए हैं। पीड़ित परिवारों के रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पीड़ित परिवारों को दो लाख का मुआवजा देने की भी घोषणा की गई है।
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