नई दिल्ली। दागी नेताओं को बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद हवा का रुख बदलता नजर आ रहा है। इस अध्यादेश को समर्थन करने वाली कांग्रेस अब बैकफुट पर नजर आ रही है। यहां तक कि बयान के बाद अमेरिका गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक ने कहा दिया कि वह स्वदेश वापसी के बाद अध्यादेश पर दोबारा विचार करेंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ही कैबिनेट ने इस अध्यादेश पर मुहर लगाई थी। खबरें तो यहां तक हैं कि प्रधानमंत्री राहुल के बयान से दुखी हैं।
राहुल ने शुक्रवार को खुलेतौर पर इसका विरोध किया और इसको बकवास करार देते हुए इसको फाड़ देने तक की बात तक कह डाली। राहुल के इस बयान से जहां कांग्रेस अपने ही अंदर बुरी तरह से घिरती दिखाई दे रही है वहीं अमेरिका गए प्रधानमंत्री भी इस बयान से कुछ आहत जरूर हुए हैं।
पीएम ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि वह स्वदेश लौटकर इस बाबत बात करेंगे। हालांकि चर्चा यह भी है कि सरकार इस अध्यादेश को वापस भी ले सकती है। पीएम ने कल यह भी माना कि राहुल गांधी ने उन्हें पत्र लिखकर इस बाबत अपनी नाराजगी जताई थी। दागी नेताओं को बचाने के लिए लाए गए इस अध्यादेश पर राहुल गांधी सरकार के इस कदर खिलाफ हो जाएंगे यह बात किसी ने नहीं सोची थी।
शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में उन्होंने जिस तर्ज पर इस अध्यादेश की धज्जियां उड़ाई उससे वहां मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन भी सकते में आ गए। इस मुद्दे पर पहले सरकार का पक्ष रखने वाले माकन ने बाद में यूटर्न लेते हुए राहुल के बयान को कांग्रेस का बयान कह डाला। राहुल के बयान के बाद जहां कुछ नेताओं ने खुल कर राहुल की वकालत की वहीं कुछ ने मौनव्रत भी धारण कर लिया। इनमें कमलनाथ, कपिल सिब्बल का भी नाम शामिल है।
राहुल के बयान के बाद विपक्ष प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। हालांकि केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया है।
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