शुक्रवार, जनवरी 11, 2013

पुलिस की कार्यशैली पर उठने लगे सवाल


(विशारद टाइम्स)  कोतवाली सेक्टर-५० क्षेत्र के सेक्टर-63 के पास पुश्ते पर शुक्रवार सुबह युवती की अर्धनग्न हालत में मिली लाश के बाद पुरे शहर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। जिसमें आम आदमी ने पुलिस की कार्यर्शली पर भी सवालियां निशान लगाने शुरू कर दिए है। वहीं पुलिस अधिकारियों नेे मीडिया से दूरी बना ली। सोमवार को युवती से हुए दुष्कर्म व हत्या के मामले में कोई भी बड़ा अधिकारी मीडिया के सामने नहीं आया। जिससे आम आदमी के मन में कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
पहली बार परिजनों की शिकायत को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया?
चार साल पहले युवती के घर में युवक उदयवीर ने घुसकर छेड़खानी करने का प्रयास किया था। इस बात की शिकायत युवती के माता-पिता ने पुलिस से की थी। इस शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि दो साल पहले एक बार फिर इस युवक ने घर में जबरदस्ती दाखिल होकर छेड़खानी की थी, अगर इन दोनों घटनाओं को पुलिस ने गंभीरता से लिया होता तो उस युवती के साथ यह वारदात नहीं होती।
72 घंटे बाद भी उदयवीर पुलिस की पकड़ से दूर क्यों ?
युवती की लाश मिलने के बाद बौखलाए ग्रामीणों व गर्माए राजनीतिक माहौल ने पुलिस के लिए वारदात का खुलासा करने व आरोपियों को पकडऩा चुनौतिपूर्ण बना दिया। पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और 24 घंटे में दो आरोपियों को दबोच लिया। जिसमें मुख्य आरोपी नरेश व कैलाश को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन 72 घंटे बाद भी उदयवीर पुलिक की पकड़ से दूर है। इन सब में पुलिस की कार्यशैली ने एक सवाल खड़ा कर दिया है। सूत्रों की मानें तो उदयवीर की पहुंच सत्ता में काबिज काफी ऊंचे लोगों से है, जिसकी वजह से पुलिस भी उसे गिरफ्तार करने में हिचक रही है। ज्ञात हो की पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी नरेश ने पुछ-ताछ में हत्या करने व दुष्कर्म की बात कबूली है। जिसमें उसने बताया था की दो माह पहले उसकी युवती से दोस्ती हुई थी, कंपनी से काम खत्म करने के बाद दोनों साथ ही घर जाते थे इसी दौरान दोस्ती प्रेम संबंध में बदल गई। कुछ दिनों से युवती शादी करने की जिद कर रही थी। इसी वजह से नरेश शादी की बात को लगातार टालता रहा था। लेकिन युवती ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से नरेश ने युवती की हत्या की साजिश रच डाली। जिसके लिए उसने उदयवीर, और कैलाश से संपर्क साधा, चार साल पहले एक तरफा प्रेम के चलते उदयवीर युवती के घर में घुस गया था। पुलिस मेें मामला दर्ज होने के बाद पंचायत में उसे युवती के पिता से समझौता करना पड़ा था। वहीं दो साल पहले कैलाश का युवती से विवाद हुआ था। इस विवाद में पंचायत हुई और उसे युवती के पैर छुकर माफी मांगने पर मजबूर किया गया था। इसी के बाद से दोनों युवती से बदला लेने की फिराक में थे। दोनों युवकों को मिलाकर नरेश ने हत्या की साजिश रची थी। उदयवीर की शिकायत परिजनों ने पहले भी पुलिस से की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।  हत्या का खुलासा किए जाने व उदयवीर को आरोपी बनाए जाने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर पाई है।
पुलिस के अधिकारी मीडिया से क्यों बचते रहे?
नोएडा में युवती के साथ दु़ष्कर्म के बाद हुए हत्या के बाद उबलते माहौल में पुलिस मीडिया से बचती रही। यहां तक की कार्यवाही में किस तरह की बात सामने आई है ,यह भी मीडिया से बताने में पुलिस हिचकती रही। सोमवार सुबह कोई भी बड़ा अधिकारी अपने ऑफिस में भी मौजूद नहीं रहा। इस संबंध में मीडिया ने जब भी पुलिस अधिकारियों से बात करनी चाही तो वह बात को टालते दिखे।
आरोपियों की गिरफ्तारी भी संदेह के घेरे में
पुलिस भले ही 24 घंटे में दो आरोपियों को पकडऩे का दावा कर रही हो, लेकिन जिस तरह से उन्होंने वारदात का खुलासा किया है। वह सवालिया निशान लगा रहा है। जांच के दौरान पुलिस ने युवती के मोबाइल से कॉल डिटेल निकाला जिसमें नरेश का मोबाइल नंबर पर काफी देर बात की गई थी। जबकि युवती मोबाइल शुक्रवार सुबह अपने घर पर ही छोड़ गई थी। पुलिस नरेश को हिरासत में लेकर पुछताछ करने लगी और कुछ ही देर में उसने युवती से हत्या व दुष्कर्म करने की बात कबूल कर ली। शहर में सोमवार को कुछ लोगों में यह चर्चा का विषय रहा कि पुलिस द्वारा महज मोबाइल से बात करने के आधार पर युवक को हिरासत में लेना व हत्या की बात को कबूल करवा लेने की बात हजम नहीं हो रही है। कही आनन-फानन में बढ़ते दबाव के चलते पुलिस किसी निर्दोष को तो नही फंसा रही है।
चोरी छुपे धनराशि दिए जाने पर उठे सवाल
वहीं पीडि़त परिवार को चोरी छुपे आधी रात को धनराशि का चेक दिए जाने के बाद पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
रविवार को जब पड़ोसियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने लड़की के पिता को घेर लिया। बाद में जब उन्हें समझाया गया कि यह राशि रेप की पीडि़त या उसके परिवार को सहायता के लिए सरकार की तरफ से दी जाती है तब जाकर वह शांत हुए। पड़ोसियों का आरोप है कि आधी रात को आकर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों का चुपचाप से आकर सहायता राशि दे जाना उनकी नियत पर सवाल खड़े करता है। पड़ोसियों का कहना था कि रात में अधिकारियों ने सहायता राशि देकर पीडि़त परिवार को प्रभाव में लेने की कोशिश की। इसके चलते रविवार सुबह से पीडि़त परिवार के व्यवहार में परिवर्तन आ गया।
अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले सिपाही पर नहीं गिरी गाज
 युवती शुक्रवार देर रात तक घर वापस नहीं लौटी तो परिजन चिंता जताते हुए नजदीकी पुलिस चौकी सेक्टर-६३ में बेटी की गायब होने की सूचना देने पहुंचे। आरोप है की वहां तैनात एक पुलिसकर्मी परिजनों से अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा और चौकी से जाने की बात कही। कुछ देर बाद युवती का शव क्षेत्र में मिला। जब पुलिसकर्मी द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने की शिकायत जिले के कप्तान के पास पहुंची तो उन्होंंने आनन -फानन में पांच सिपाही को निलंबित करने हुए चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया। इसकी वजह उन्होंने काम में लापरवाही बरता जाना बताया जबकि जिस सिपाही ने परिजनों के साथ बदसलूकी की वह पुलिस चौकी पर अब भी तैनात है। हालांकि एसएसपी ने अभी जांच के बाद दोषी पाए जाने पर अन्य पुलिस कर्मीयों को निलंबित करने के लिए कहा है सवाल यह उठता है की जब परिजनों ने एक सिपाही का नाम लेते हुए आरोप लगाया था तो उसे क्यों नहीं निलंबित किया गया।

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