शुक्रवार, जनवरी 11, 2013

'पश्चिमी शिक्षा से छिन्न-भिन्न हो रही है भारतीय संस्कृति



नोएडा (विशारद टाइम्स) देश में बढ़ रही बालात्कार की घटनाओं के पीछे हमारी बदलती संस्कृति है। देश में घटनाएं न हों इसके लिए हमे भारतीय शिक्षा को अपनाना होगा। यह कहना है गोपेश गोस्वामी का। वह सेक्टर-26 स्थित डा. पं. आनन्द मोहन गुलजार जु़तशी देहल्वी के निवास पर नव वर्ष आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
गोस्वामी ने कहा कि पश्चिमी शिक्षा से हमारी संस्कृति छिन्न-भिन्न हुई है। जिससे इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धती में जो बदलाव किए जा रहे हैं वह हमारी संस्कृति से भिन्न।
इसी भिन्नता के चलते आज इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इसे रोकने के लिए सभी वर्ग के लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत के बयान की भी समर्थन किया। इससे पूर्व संगोष्ठी में आए शायर और कवियों गजल और कविताओं से लोगों का मन मोह लिया। शायर अजय अक्स ने अपने कलाम में 'मुझमें अब खुमारी तारी हैÓ, 'खूब चश्मे अदा तुम्हारी है।Ó
इनके अतिरिक्त बाबा कानपुरी, मुजिद अली काविश, पो. लल्लन प्रसाद और पो. राज देव ने भी अपने कलाम पेश किए। नए वर्ष के अवसर पर गुलजार देहल्वी ने कई गज़ले पढ़ीं और सब को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
संगोष्ठी का संचालन आदिल रशीद कर रहे थे, जबकि अध्यक्षता गुलजार देहल्वी ने की।

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