मंगलवार, अप्रैल 26, 2016

एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंव इनोवेशन समागम का आयोजन

Dr Ajit Verma 's Book Release by Dr Ashok K Chauhanनोएडा। विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को न केवल उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है, बल्कि उन्हें षोध एंव नवोन्मेश हेत ुप्रेरित भी किया जाताहै। एमिटी शिाक्षणसमूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चैहान का विश्वास है कि किसी भी देश का विकास षोध एंव नवोन्मेश के बिनासंभव नही है और इसके लिए युवा एंव नव मस्तिष्कों को प्रोत्साहित करना होगा।आज एमिटी सांइसटेक्नोलॉजी एंडइनोवेशन के समागम में एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ माइक्रो बियलटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर एंव प्रख्यात वैज्ञानिक डा अजितवर्मा द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन जर्मन रिर्सचसोसाइटी, नई दिल्ली के निदेशक डा अलेक्जेंडर पी हैनसेन, सीएचएआई के चेयरमैन डा एच पी सिंह, एमिटीशिाक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चैहान एवं एमिटी सांइसटेक्नोलॉजी एंडइनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा एफ थ्री ब्लाक सभागार, एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय की वाइसचांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला भी उपस्थित थी।
इस पुस्तक विमोचन समारोह में दो पुस्तकों का विमोचन किया गया जिसमें प्रथम पुस्तक आॅरगेनिक एमेंडमेंट एंड सॉइलस प्रेसिवनेसइन प्लांट डिजिजमैनेजमेंट एमिटीइंस्टीटयूट आॅफ माइक्रोबियलटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर एंव प्रख्यात वैज्ञानिक डा अजित वर्मा द्वारा लिखितहै। जिसमें कार्बनिक संसोधन एंव मृदा दबाव को शामिल करके पौधरोग प्रबंधन की अवधारणाओं की समय समीक्षा की गई है। इसके अतिरिक्तइसमेंफायटोपैथोजन से होनेवालेपौध रोगों के बारे में भी बताया गया है। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ माइक्रोबियलटेक्नोलॉजी के एस्सीटेंट प्रोफेसर डा देवेन्द्र के चैधरी द्वारा लिखित पुस्तक माइक्रोबियलमेडिएडेट इंडयूस्ड सिस्टमिकरेसिसटेंसइन प्लांट का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक में खाद्य सुरक्षा सहित स्थायी कृशिमेमाइक्रोब्स की भूमिका के बारे में बताया गया है। इस पुस्तक में बताया गया है कि पौधे, पर्यावरण के प्राथमिक उत्पादक है जोजमीन के उपर एंव नीचे रहने वाले समूहों जैसेमाइक्रोब्स, कीड़े एंवअन्य रीढ़दार या बिनारीढ़दार वाले जानवरों से संचार करते है।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चैहान ने विमोचन समारोह में संबोधित करते हुए एमिटी सदैव षोध को बढ़ावा देता है जिसके फलस्वरूप अब तक 697 पेटेंट फाइल किया जा चुका है और इनमें से कई व्यवयायिक उत्पाद बनने की राह परअग्रसर है। डा चैहान ने कहा कि ज्ञान ही एक मात्र ऐसी वस्तु है जिसे जितना बांटा जाये उसमे उतनी बढ़ोत्तरी होतीहै। डा अजित वर्मा एंव उनके सहयोगीयों द्वारा लिखी दोनों पुस्तके न केवल युवा पीढ़ी का मार्ग दर्शन करेगीं बल्कि माइक्रोबियल के क्षेत्र मेकार्य कर रहे षोधार्थियों के लिए सहायक भी होगी। उन्होने कहा कि डा वर्मा एक प्रख्यात वैज्ञानिक के साथ एमिटी के षोध करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी है।
एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर एंव प्रख्यात वैज्ञानिक डा अजित वर्मा ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस पुस्तकमे बीजों एंव पौधों को बढ़ाने की रणनिती बताई गई है। स्थायी कृषि पर्यावरण को रसायन से रसायन मुक्त की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है। मृदा की उत्पादकता बढ़ाने के लिए मृदासंशोधन को बढ़ाने पर बल दिया गया है। इस अवसर पर उन्होन ेअपनी अन्य पुस्तकों की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर जर्मन रिर्सचसोसाइटी, नई दिल्ली के निदेशक डा अलेक्जेंडर पी हैनसेन ने जर्मन हाउसिंग फॉररिर्सच एंड इनोवेशन, जर्मन रिर्सचइंस्टीटयूट एंव एमिटी विश्वविद्यालय से आपसी सहयोग के अवसरों की जानकारी भी दी। इसके अतिरिक्त सीएचएआई के चेयरमैन डा एच पी सिंह ने एमिटी का कृषि एंव खाद्य के क्षेत्र में संयुक्त षोध एंवसहयोग के बारे में जानकारी भी दी।

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