बुधवार, मार्च 26, 2014

कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र: सबको मकान और पेंशन का किया वादा

कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र: सबको मकान और पेंशन का किया वादानई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में लोकसभा चुनाव 2014 के लिए घोषणापत्र जारी कर दिया। स्वास्थ्य सेवा एवं रोजगार को कानूनी अधिकार के दायरे में लाना इस घोषणा पत्र के मुख्य बिंदु हैं। वहीं प्राइवेट सेक्टर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण देने का वायदा किया गया है। कांग्रेस ने सरकार बनने पर सभी को मकान और पेंशन देने का वादा किया है। साथ ही, 20 साल तक एक ही मकान में किराएदार रहने पर मालिकाना हक देने की भी बात कही है।
 
भ्रष्टाचार कम करने के उपायों का भी घोषणापत्र में उल्लेख है। साथ ही 10 साल में यूपीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों का भी ब्यौरा भी प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा घोषणापत्र में महंगाई कम करने और कालाबाजारी-जमाखोरी को रोकने के लिए कड़े उपाय का जिक्र किया गया है। 
 
नौकरियां देने पर खास जोर
 
सरकारी नौकरियों में आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र में रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया गया है। 2020 तक 100 मिलियन नए रोजगार के सृजन का वादा किया गया है। साथ ही घोषणापत्र में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार निर्माण की नीति का भी उल्लेख किया गया है। इसके लिए राहुल गांधी की चौपाल चर्चा को आधार बनाया गया है और कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने छोटे कामगारों से बात की थी, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि इस वर्ग को सबसे ज्यादा मदद की जरुरत है, इसलिए कांग्रेस इस वर्ग के लिए नए रोजगार का वादा करती है। 
बता दें पिछले दिनों राहुल गांधी ने गुजरात में लगी चौपाल में कहा था कि हम नए रोजगार पैदा करने की नीति पर काम कर रहे हैं। वहीं भ्रष्टाचार से निपटने के लिए खास उपायों और साथ ही विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के बारे में घोषणा की गई है। 
 
स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी 
 
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के ग्रामीण निर्धनों तक पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम होने के बीच इस बार कांग्रेस ने देश भर में आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को कानूनी रूप देने की योजना तैयार की है। इस मामले में सभी नागरिकों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा की गारंटी के संबंध में केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद से राय मांगी गई थी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस इसे व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करना चाहती है। इसके अलावा घोषणा पत्र का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार का मुकाबला करने और कानूनी एवं न्यायिक सुधार के बारे में है। इसमें अलावा कौशल विकास, कृषि, किसानों का कल्याण, ग्रामीण विकास, आवास, कमजोर वर्गों और महिलाओं का सशक्तिकरण, शहरी विकास, परिवहन और ई-गवर्नेंस जैसे विषयों पर खास तौर पर ध्यान दिया गया है। 
 
विभिन्न पक्षों के साथ हुई व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श के बाद तैयार घोषणापत्र के मसौदे को एके एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति की 16 मार्च को हुई बैठक में अंतिम रूप दे दिया गया था। इसके बाद इसमें कुछ मामूली जानकारियां और शामिल की गई हैं। बीते शनिवार को ही इसे सोनिया गांधी जारी करने वाली थीं, लेकिन कुछ राज्य इकाईयों से फीडबैक न मिलने के चलते इसे टाल दिया गया था।

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