गुरुवार, मार्च 27, 2014

गावस्कर बनेंगे बीसीसीआई अध्यक्ष, आईपीएल नहीं खेलेंगी दो टीमें?

नई दिल्ली। अगले कुछ दिनों में भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ सकता है। स्पॉट फिक्सिंग मामले पर चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एन श्रीनिवासन की जगह बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष के लिए सुनील गावस्कर का नाम सुझाया है। यही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स टीमें इस मामले की जांच पूरी ना आईपीएल-7 का हिस्सा नहीं होनी चाहिए। इस मामले में बीसीसीआई को कल जवाब देना है।
स्पॉट फिक्सिंग पर सुप्रीम कोर्ट में पिछले लगभग ढाई घंटे तक चली। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी, लेकिन कल अदालत में दाखिल होने वाले बीसीसीआई के जवाब पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। कोर्ट ने कहा जब तक मामले की जांच पूरी नहीं होती, तब तक अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर गावस्कर कार्यभार संभाल सकते हैं।
वैसे, सुनवाई के दौरान टीम इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का नाम भी उछला। बताया जा रहा है कि इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में कहा कि धौनी ने श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन के साथ अपने संबंधों को लेकर मुद्गल कमेटी से झूठ बोला। मयप्पन पर फिक्सिंग को लेकर गंभीर आरोप लगे थे। साल्वे ने यह भी कहा कि धौनी श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट्स में काम करते हैं तो फिर श्रीनिवासन की आइपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान कैसे हो सकते हैं। यह हितों के टकराव का मामला है।
इससे पहले बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया। खबर है कि उन्होंने मौजूदा संकट को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने निष्पक्ष जांच पूरी होने तक अस्थायी रूप से कुछ समय तक पद से अलग रहने का प्रस्ताव रखा है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक अपना फैसला सुरक्षित रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम वो सब करेंगे, जो क्रिकेट और कानून के हक में होगा।'
उधर बीसीसीआई ने कहा है कि वे किसी भी अथॉरिटी से मैच फिक्सिंग की जांच कराने के लिए तैयार हैं। बोर्ड ने अदालत को यह भी भरोसा दिलाया है कि मुद्गल कमेटी की सिफारिशों के आधार पर वह कार्रवाई करेगा। वैसे, यह मामला अभी कुछ और दिन खींच सकता है।
दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिक्सिंग की निष्पक्ष जांच के लिए श्रीनिवासन को पद छोड़ने की सलाह दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर वे अध्यक्ष पद नहीं छोड़ते तो उन्हें फैसला लेना होगा। बुधवार को श्रीनिवासन ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी करवाया है।

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