सोमवार, मार्च 31, 2014

सर्वे में सामने आया सांसदों का रिपोर्ट कार्ड: जानिए सांसद की रेटिंग का तरीका?

नई दिल्ली. 16वीं लोकसभा के लिए होने वाले आम चुनाव से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने दैनिक भास्कर को विशेष रूप से उपलब्ध कराया। जिसमें 525 सीटों पर जाकर वहां के वोटरों से उनके लिए अहम मुद्दों और वहां के सांसदों के परफॉर्मेंस पर बात की गई। 13 जनवरी से 14 फरवरी के बीच हुए इस सर्वे में वोटरों को अपने सांसदों को परफॉर्मेंस के आधार पर 10 अंकों में से नंबर देने को कहा गया।
सर्वे में वोटर द्वारा दिए गए दस नंबरों को 12 श्रेणियों में बांटा गया था। जिसे आसान करते हुए 'भास्कर' तीन श्रेणियों में उपलब्ध करा रहा है। ये हैं- खराब, औसत और अच्छा। इसके अलावा वोटरों से 30 मुद्दों पर बात की गई। इसमें वोटर्स ने अहमियत के मान से दस नंबरों पर आंका।
ग्रामीण और शहरी मुद्दों में प्रमुख रूप से ये मुद्दे सामने आए- ग्रामीण इलाकों के सबसे बड़े मुद्दे- रोजगार के अवसर, अच्छी सड़कें, हॉस्पिटल, पेयजल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल और बिजली।
शहरी इलाकों के सबसे बड़े मुद्दे- रोजगार के अवसर, पेयजल, खाद्य पदार्थों की कीमत, अच्छी सड़कें, महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार, बिजली।
मप्र में लोग क्या देखकर वोट देते हैं?
  • सबसे ज्यादा वोट प्रत्याशी को देखकर देते हैं।
  • दूसरे स्थान पर महत्व है पार्टी का।
  • तीसरी अहमियत प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को।
  • जाति या धर्म को चौथी पायदान पर रखते हैं मप्र के वोटर्स।

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