इस मामले के पांचवें आरोपी के खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में मामला निलंबित है। इन सभी चार आरोपियों को महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ हुए गैंगरेप के अलावा पिछले वर्ष 31 जुलाई को एक महिला टेलिफोन ऑपरेटर के साथ हुए गैंगरेप मामले में भी दोषी ठहराया गया है।
इस मामले में सरकार की तरफ से उज्जवल निकम पैरवी कर रहे थे। 22 अगस्त को मिल के खाली पड़े कंपाउंड में फोटो जर्नलिस्ट के साथ पांच लोगों ने उस वक्त गैंगरेप किया था, जब वह अपने असाइनमेंट के सिलसिले में अपने दोस्त के साथ वहां गई थी।
वर्ष 2012 में हुए दिल्ली गैंगरेप मामले के बाद इस घटना से लोगों के एक बार फिर से आक्रोश दिखाई दिया और एक बार लोग सड़कों पर उतरते दिखाई दिए थे। मुंबई पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, इनमें विजय जाधव, कासिम बंगाली, सलीम अंसारी, सिराज रहमान और एक नाबालिग आरोपी शामिल था। इनमें से तीन आरोपियों पर एक अन्य महिला टेलिफोन ऑपरेटर के साथ भी गैंगरेप करने का भी आरोप था। इस मामले में आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ 385 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत, गैंगरेप, षड़यंत्र रचने, अप्राकृतिक यौनाचार करने का आरोप लगाया गया था।
पुलिस ने डीएनए टेस्ट, आरोपियों की कॉल रिकॉर्डिग, फॉरेंसिक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग की है। यदि सरकार की ओर से दी गई दलील सही साबित होती हैं तो आरोपियों को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। वहीं इस मामले के पांचवें नाबालिग आरोपी पर जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
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