बुधवार, मार्च 26, 2014

11 करोड़ न मिला तो होगा इस महिला का सिर कलम!

हत्या के बदले हत्या का फैसलाहत्या के बदले हत्या का फैसला


सऊदी अरब में नौकरानी का काम करने वाली इंडोनेशिया की एक महिला का सिर कलम करने की सजा सुनाई गई है। इससे बचने के लिए उसके परिजन से 1.12 मिलियन पाउंड (करीब 11 करोड़ भारतीय रूपए) 'ब्लड मनी' की मांग की गई है।

इंडोनेशिया की इस 41 वर्षीय महिला सेतिनाह बिनती जुमादी अहमद पर अपने सऊदी अरब के मालिक नुरा अल-गरीब की हत्या का आरोप है, जिसके लिए उसे सिर कलम की सजा दी गई है।

सउदी अरब में शरीयत कानून के तहत हत्या, बलात्कार, सशस्त्र डकैती और नशीले पदार्थ की तस्करी जैसे मामलों में मौत की सख्त सजा दी जाती है।

शारीरिक शोषण के कारण हुई थी हत्या

दरअसल, यह मामला 2007 का है। इंडोनेशियाई महिला अहमद का आरोप है कि उसके मालिक ने न सिर्फ उसका शारीरिक शोषण करना चाहा, बल्कि उसके सिर को दीवार पर मारने की भी कोशिश की थी। जिसके बाद उसने उसकी हत्या कर दी थी।

मालिक की हत्या करने के बाद अहमद 37, 970 रियाल (भारतीय मुद्र में 6 लाख 12 हजार से ज्यादा रूपए) चुराकर वहां से फरार हो गई थी। 2010 में अहमद को कोर्ट ने सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया था। अभी 4 अप्रैल 2014 को उसका सिर कलम किया जाना है।

इंडोनेशियाई सरकार ने मृतक अल-गरीब के परिजनों से मध्यस्थता करते हुए अहमद की मौत के बदले उन्हें 1.12 मिलियन पाउंड (11 करोड़ से भी ज्यादा रूपए) देने की पेशकश की। अगर अहमद का परिवार ये रकम अदा कर देता है, तो उसे उसे जिंदगी बख्श दी जाएगी।

मदद के लिए उठ रहे हैं हाथ

मृतक अल-गरीब के परिजनों ने महिला की जिंदगी बख्शने के एवज में उससे एक मिलियन पाउंड 'ब्लड मनी' की मांग की है। यदि वह ऐसा नहीं करते तो दो हफ्तों के अंदर उसका सिर कलम कर दिया जाएगा।

हालांकि, इस भारी-भरकम रकम को जमा करने में अहमद के परिवार को अब आम लोगों का भी साथ मिलने लगा है। लोगों ने अपने-अपने स्तर पर रकम जुटाने की शुरूआत भी कर दी है।

इस कड़ी में मशहूर इंडोनेशियाई सिंगर मेलानी सुबोनो ने भी अहमद की जिंदगी बचाने के लिए आवाज बुलंद की। सुबोनो ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि 'इंडोनेशियाई प्रवासी कामगार अपने मेहनताने में से कुछ हिस्सा अहमद की जिंदगी बचाने के लिए जमा कर रहे हैं।

जानिए, क्या है 'ब्लड मनी'

कुछ इस्लामी देशों में 'ब्लड मनी' को न्याय का एक तरीका माना जाता है। सामान्य रूप से इसका मतलब हत्या के पीड़ित परिवारों को दी जाने वाली मुआवजे की रकम होती है। ये पैसा हत्या करने वाला चुकाता है।

इसके बदले में पीड़ित परिवार हत्यारे को माफ कर देते हैं। मुआवजा कितना दिया जाएगा, इसका फैसला हत्या की जघन्यता पर निर्भर करता है।

इसके साथ ही ये भी तय कर दिया जाता है कि 'ब्लड मनी' के रूप में मिलने वाली रकम किसे दी जाएगी। अगर पैसा पाने के हकदार एक से ज्यादा लोग हों तो उनके बीच बंटवारे का भी नियम है।

दुनिया के कई देशों में इसका चलन है। इस्लामी कानून (शरीयत) में इसे 'किसास उ दैयत' भी कहा जाता है जो 'ब्लड मनी' का ही एक रूप है। इसमें दी जाने वाली रकम देश के हिसाब से बदलती रहती है।

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