मथुरा में जयंत से है हेमा का मुकाबला
फिल्मी दुनिया से राजनीति में कूदने वालों की कमी नहीं है। लेकिन सियासत की हकीकत कुछ और है। ग्लैमर में रंगे चेहरे भी जब चुनावी राजनीति में उतरते हैं, तो असलियत पता चलती है।
भाजपा की एक नेता को इसी बात का इल्म हुआ। भगवा दल ने इस बार मथुरा से चौधरी अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी के खिलाफ ड्रीमगर्ल हेमामालिनी को उतारा है, लेकिन जब वो चुनाव प्रचार करने पहुंची, तो ग्लैमर गायब था।
हेमामालिनी का कहना है कि मथुरा-वृंदावन से उनका गहरा लगाव रहा है और वो बाहरी नहीं है। लेकिन मथुरा में जब वो पहुंचीं, तो इस लगाव का कोई खास असर मथुरा की गलियों में नजर नहीं आया। आम जनता छोड़ दीजिए, उनके अपने कार्यकर्ताओं ने मुश्किल खड़ी कर दी।
भाजपा की एक नेता को इसी बात का इल्म हुआ। भगवा दल ने इस बार मथुरा से चौधरी अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी के खिलाफ ड्रीमगर्ल हेमामालिनी को उतारा है, लेकिन जब वो चुनाव प्रचार करने पहुंची, तो ग्लैमर गायब था।
हेमामालिनी का कहना है कि मथुरा-वृंदावन से उनका गहरा लगाव रहा है और वो बाहरी नहीं है। लेकिन मथुरा में जब वो पहुंचीं, तो इस लगाव का कोई खास असर मथुरा की गलियों में नजर नहीं आया। आम जनता छोड़ दीजिए, उनके अपने कार्यकर्ताओं ने मुश्किल खड़ी कर दी।
फिल्मों में लौट जाओ बसंती'
मथुरा से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार हेमामालिनी चुनाव प्रचार के पहले दिन इलाके में पहुंची थीं, लेकिन गुस्साए पार्टी कार्यकर्ता ने कुछ ऐसे नारे लगाए, "बसंती फिल्मों में लौट जाओ! राजनीति तुम्हारे लिए नहीं है।"
हेमामालिनी को देर से आने और योजना में अचानक बदलाव करने की वजह से अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा। ड्रीमगर्ल को माफी मांगनी पड़ी और उन्होंने वादा किया कि वह अगली बार से वक्त पर आएंगीं।
कुछ ऐसे पार्टी कार्यकर्ता थे, जिन्होंने हेमामालिनी को निर्देश दिए कि यहां बॉलीवुड वाले नखरे नहीं चलेंगे और स्थानीय लोगों के दिल जीतने की जरूरत होगी।
हेमामालिनी को देर से आने और योजना में अचानक बदलाव करने की वजह से अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा। ड्रीमगर्ल को माफी मांगनी पड़ी और उन्होंने वादा किया कि वह अगली बार से वक्त पर आएंगीं।
कुछ ऐसे पार्टी कार्यकर्ता थे, जिन्होंने हेमामालिनी को निर्देश दिए कि यहां बॉलीवुड वाले नखरे नहीं चलेंगे और स्थानीय लोगों के दिल जीतने की जरूरत होगी।
कार में बैठना था, तो आईं क्यों?
कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने खुलकर हेमामालिनी की मथुरा से उम्मीदवारी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वह आम लोगों से जुड़ी नहीं हैं और कभी उनकी दिक्कतें नहीं समझ सकतीं।
शुरुआत में गर्मजोशी से मिले स्वागत से उत्साहित हेमामालिनी देर से आने पर अफसोस जता रही थीं और चुनाव प्रचार के पहले दिन उन्होंने दो दर्जन से ज्यादा गांवों को कवर करने की कोशिश की।
पालसन गांव में उन्हें पहले विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा, जब बड़ी तादाद में लोग उनसे मुलाकात का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वो बाहर कार से नहीं निकली। भीड़ ने चिल्लाकर कहा, "अगर कार में ही बैठना था, तो यहां आई क्यों हैं?"
शुरुआत में गर्मजोशी से मिले स्वागत से उत्साहित हेमामालिनी देर से आने पर अफसोस जता रही थीं और चुनाव प्रचार के पहले दिन उन्होंने दो दर्जन से ज्यादा गांवों को कवर करने की कोशिश की।
पालसन गांव में उन्हें पहले विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा, जब बड़ी तादाद में लोग उनसे मुलाकात का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वो बाहर कार से नहीं निकली। भीड़ ने चिल्लाकर कहा, "अगर कार में ही बैठना था, तो यहां आई क्यों हैं?"
हेमामालिनी को सहना पड़ा विरोध
सैकड़ों ग्रामीणों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा विरोधी और हेमामालिनी विरोधी नारे लगाए, जिसकी वजह से सिने तारिका को लोगों से मिलने के लिए नीमगांव से पालसन गांव लौटना पड़ा।
गोवर्धन में जहां वो चार घंटे देर से पहुंचीं, लोगों ने अपना गुस्सा काम नहीं किया। लेकिन वो पूजा के लिए श्री गिरिराज जी के मंदिर में नहीं जा पाईं, जैसा कि पहले ऐलान किया गया था।
पूजा के लिए तैयारियां करने वाले गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और भाजपा के जिलाध्यक्ष डी पी गोयल से झगड़ा किया। इसकी वजह यह थी वो हेमा मालिनी को लौटाने में नाकाम रहे।
गोवर्धन में जहां वो चार घंटे देर से पहुंचीं, लोगों ने अपना गुस्सा काम नहीं किया। लेकिन वो पूजा के लिए श्री गिरिराज जी के मंदिर में नहीं जा पाईं, जैसा कि पहले ऐलान किया गया था।
पूजा के लिए तैयारियां करने वाले गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और भाजपा के जिलाध्यक्ष डी पी गोयल से झगड़ा किया। इसकी वजह यह थी वो हेमा मालिनी को लौटाने में नाकाम रहे।
'हेमा का फिल्मों में लौटना बेहतर'
गोवर्धन में एक पार्टी कार्यकर्ता हेमंत शर्मा ने कहा, "यह देखना बहुत बुरा लगता है कि हमारे प्रतिनिधि हमें ही नजरअंदाज कर रहे हैं। हम मतदाताओं से वोट कैसे मांगेंगे?"
उन्होंने कहा, "मैं सलाह देता हूं कि उन्हें फिल्मों में लौट जाना चाहिए, क्योंकि यहां की राजनीति में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है।" गोवर्धन मंदिर के पुजारी मथुरा प्रसाद कौशिक ने कहा कि ईश्वर भी इंतजार करते रह गए।
बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को बनाने के लिए पार्टी जिलाध्यक्ष को आगे आना पड़ा, जिन्होंने कहा कि इसकी वजह यह थी कि हेमामालिनी की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने सिने तारिका से लोगों और मीडिया को संबोधित करने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा, "मैं सलाह देता हूं कि उन्हें फिल्मों में लौट जाना चाहिए, क्योंकि यहां की राजनीति में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है।" गोवर्धन मंदिर के पुजारी मथुरा प्रसाद कौशिक ने कहा कि ईश्वर भी इंतजार करते रह गए।
बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को बनाने के लिए पार्टी जिलाध्यक्ष को आगे आना पड़ा, जिन्होंने कहा कि इसकी वजह यह थी कि हेमामालिनी की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने सिने तारिका से लोगों और मीडिया को संबोधित करने के लिए भी कहा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें