पार्टी में ही चल रहा था गंदा खेल
आम आदमी पार्टी जिस मुद्दे को देशभर में भुनाकर सत्ता पर काबिज होने की जीतोड़ कोशिश कर रही है, पार्टी खुद उसमें डूब-उतरा रही है।
शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को शर्मसार होते हुए अवध के दो पदाधिकारियों को इसलिए बर्खास्त करना पड़ा क्योंकि दोनों खुद ही भ्रष्टाचार कर रहे थे।
ये भ्रष्टाचार कहीं बाहर नहीं, बल्कि पार्टी में अपने पद का फायदा उठाते हुए टिकट दिलाने के नाम पर हो रहा था। दोनों ही पदाधिकारियों ने खुद को टिकट का ठेकेदार बनाने की योजना बना ली थी।
इस खुलासे के बाद यूपी में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की नाक के नीचे हुए टिकट बंटवारे पर भी सवाल उठ सकते हैं।
शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को शर्मसार होते हुए अवध के दो पदाधिकारियों को इसलिए बर्खास्त करना पड़ा क्योंकि दोनों खुद ही भ्रष्टाचार कर रहे थे।
ये भ्रष्टाचार कहीं बाहर नहीं, बल्कि पार्टी में अपने पद का फायदा उठाते हुए टिकट दिलाने के नाम पर हो रहा था। दोनों ही पदाधिकारियों ने खुद को टिकट का ठेकेदार बनाने की योजना बना ली थी।
इस खुलासे के बाद यूपी में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की नाक के नीचे हुए टिकट बंटवारे पर भी सवाल उठ सकते हैं।
कौन हैं ये दोनों टिकट के ठेकेदार
आम आदमी पार्टी में टिकट के ठेकेदार बनने की कोशिश में नपे ये दोनों छोटे-मोटे पदाधिकारी नहीं हैं। अवध प्रांत की संयोजक अरुणा सिंह और ट्रेजरार अशोक कुमार इस घूंसखोरी के आरोप में पार्टी से बर्खास्त किए गए हैं।
गौरतलब है कि दोनों ही यूपी में पिछले महीने हुए प्रत्याशियों के इंटरव्यू पैनल में थे और उसी दौरान इन्होंने एक प्रत्याशी से 10 लाख में टिकट दिलाने की बात कही थी।
हालांकि, देशभर को स्टिंग का मंत्र देने वाली पार्टी के इन दोनों पदाधिकारियों को शायद इस बात का इल्म नहीं था कि उनका भी कोई स्टिंग कर सकता है।
इसी का खामियाजा अरुणा और अशोक को भुगतना पड़ा। स्टिंग की क्लिप अरविंद के पास पहुंची, जांच-पड़ताल हुई और आखिरकार दोनों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।
गौरतलब है कि दोनों ही यूपी में पिछले महीने हुए प्रत्याशियों के इंटरव्यू पैनल में थे और उसी दौरान इन्होंने एक प्रत्याशी से 10 लाख में टिकट दिलाने की बात कही थी।
हालांकि, देशभर को स्टिंग का मंत्र देने वाली पार्टी के इन दोनों पदाधिकारियों को शायद इस बात का इल्म नहीं था कि उनका भी कोई स्टिंग कर सकता है।
इसी का खामियाजा अरुणा और अशोक को भुगतना पड़ा। स्टिंग की क्लिप अरविंद के पास पहुंची, जांच-पड़ताल हुई और आखिरकार दोनों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।
किसने किया था स्टिंग ऑपरेशन
स्टिंग करने वाला शख्स सीतापुर के मिश्रिख से टिकट मांगने के लिए पिछले महीने सात फरवरी को लखनऊ में हुए इंटरव्यू में शामिल हुआ था।
इंटरव्यू के दौरान अरुणा और अशोक ने राजेश कुमार नाम के इस शख्स से दस लाख रुपये की मांग करते हुए टिकट दिलाने का वादा किया, तो उसके होश फाख्ता हो गए।
उसने इस पूरी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की और फोटोग्राफ भी ले लीं। उसके बाद दिल्ली में आईएएस की तैयारी कर रहे राजेश ने इसकी पूरी जानकारी अरविंद तक पहुंचाई।
अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की और पाया कि राजेश के आरोप सही हैं। अंततः शुक्रवार को अरविंद ने दोनों को बर्खास्त करने का एलान कर दिया।
इंटरव्यू के दौरान अरुणा और अशोक ने राजेश कुमार नाम के इस शख्स से दस लाख रुपये की मांग करते हुए टिकट दिलाने का वादा किया, तो उसके होश फाख्ता हो गए।
उसने इस पूरी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की और फोटोग्राफ भी ले लीं। उसके बाद दिल्ली में आईएएस की तैयारी कर रहे राजेश ने इसकी पूरी जानकारी अरविंद तक पहुंचाई।
अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की और पाया कि राजेश के आरोप सही हैं। अंततः शुक्रवार को अरविंद ने दोनों को बर्खास्त करने का एलान कर दिया।
अपनी ही पार्टी का स्टिंग करने का निर्देश
इस पूरे घटनाक्रम से शर्मसार और नाराज अरविंद केजरीवाल ने लोगों, प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे ऐसे लोगों का स्टिंग करके उन्हें दें।
अरविंद ने यह भी दावा किया कि स्टिंग की क्लिप में दम हुआ तो 24 घंटे के भीतर ही वह कार्रवाई को अंजाम दे देंगे।
इस पूरे मामले से आप के दामन पर दाग जरूर लगे हैं, लेकिन एक बार फिर अरविंद का फैसला दूसरे दलों के सामने नजीर बनकर पेश हुआ है।
लीपापोती और बेवजह के बयान देने की जगह अरविंद ने गलती करने वालों को सजा देकर यह साफ कर दिया है कि कम से कम वह भ्रष्टाचार से समझौता करने के मूड से नहीं हैं।
अरविंद ने यह भी दावा किया कि स्टिंग की क्लिप में दम हुआ तो 24 घंटे के भीतर ही वह कार्रवाई को अंजाम दे देंगे।
इस पूरे मामले से आप के दामन पर दाग जरूर लगे हैं, लेकिन एक बार फिर अरविंद का फैसला दूसरे दलों के सामने नजीर बनकर पेश हुआ है।
लीपापोती और बेवजह के बयान देने की जगह अरविंद ने गलती करने वालों को सजा देकर यह साफ कर दिया है कि कम से कम वह भ्रष्टाचार से समझौता करने के मूड से नहीं हैं।
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