सोमवार, मार्च 10, 2014

देवली में राहुल गांधी ने भाजपा को बताया भ्रष्‍टाचार में नम्‍बर-1


जयपुर। कांग्रेस के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को देवली में चुनावी बिगुल फूंका। राहुल ने भाजपा पर करारा हमला बोलते हुए उसे भ्रष्‍टाचार में नम्‍बर 1 पार्टी बताया। राहुल ने एक बार फिर कहा कि हम अधिकारों की राजनीति करते हैं। कांग्रेस गरीबों की सरकार चलाती है।
 
राहुल ने राज्‍य की वसुंधरा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम भाजपा को भ्रष्‍टाचार नहीं करने देंगे। जहां भी गलत काम दिखाई देगा, हमारे कार्यकर्ता जमीन पर उतरेंगे और उसका विरोध करेंगे। हम राजस्‍थान में गरीबों की मदद करना चाहते हैं और यही हमारी लड़ाई है। 
 
राहुल ने इस मौके पर प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार की योजनाओं को लेकर भी भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने कहा कि हम मेट्रो और दवा योजना के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। यहां राहुल ने कांग्रेस की भावी योजना का एलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार उद्योगों के लिए रेल कॉरिडोर का निर्माण कराएगी। 
 
इससे पहले पार्टी के प्रदेशाध्‍यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि हम विधानसभा की हार का बदला लोकसभा चुनाव में लेंगे। कांग्रेस के तिरंगे को हमे दुबारा फहराना है। सचिन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हम हारे जरूर हैं लेकिन हमारा मनोबल नहीं टूटा है। 
 
सचिन ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा को 60 महीनों के लिए जनता ने चुना लेकिन वो सत्‍ता में आने बाद महज 60 दिन की योजना पर काम करती रही। अभी तक भाजपा सरकार अपना कोई वादा पूरा नहीं कर पाई है। यहां तक कि कांग्रेस सरकार की मेट्रो व रिफाइनरी परियोजनाओं में भी अड़ंगा डाला है।
 
राहुल गांधी के संबोधन से पहले पायलट ने नरेन्‍द्र मोदी, लालकृष्‍ण आडवाणी और वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधा और भाजपा को जनता के साथ छलावा करने वाली पार्टी बताया। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारे कार्यकर्ता विरोधियों की ईंट से ईंट बजा देंगे और पार्टी लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से विजय हासिल करेगी।
 
पायलट के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की प्रदेश में पहली सभा थी, इसलिए यह पायलट के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई थी। 
 
सियासी सवाल: देवली ही क्‍यों पहुंचे राहुल गांधी
 
राजस्‍थान में लोकसभा के चुनावी समर का बिगुल बजाने कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी सोमवार को टोंक, कोटा,भीलवाड़ा और अजमेर के बीचों-बीच स्थित देवली पहुंचे। यह पहला मौका नहीं था जब कांग्रेस पार्टी ने देवली को प्रदेश में अपना चुनावी अभियान के आगाज के लिए चुना। इससे पहले 2008 में विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत भी यहीं से की गई थी। 
 
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस राजस्‍थान में ऐसे आयोजनों में केन्‍द्रीय नेताओं को बुलाती है और इसके लिए हमेशा से कुछ खास स्‍थान चुने जाते रहे हैं। मसलन, नागौर, बारां, बांसवाड़ा बीकानेर, दूदू और देवली। राजस्‍थान की पूर्व गहलोत सरकार में पार्टी के बड़े-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन इन्‍हीं स्‍थानों पर किया गया।
 
ये हैं देवली को चुनने के पीछे सियासी मायने
 
भागौलिक दृष्टि से देवली तीन जिलों और चार प्रमुख शहरों बीचों-बीच स्थित है। साथ ही देवली राजनीतिक परिपेक्ष्‍य में भी महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। देवली और आसपास का इलाका मीणा और गुर्जर बाहुल्‍य है और यहां राजनीति पूरी तरह से इन जातिगत वोटों से प्रभावित रही है। दोनों ही जातियों को कांग्रेस का परम्‍परागत वोट बैंक माना जाता रहा है लेकिन गत विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को आशानुरुप  नतीजे नहीं मिलने से पार्टी अधिक सजग हो गई है। देवली रैली 8 लोकसभा क्षेत्रों को प्रभावित करेगी। इस रैली का असर टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा और करौली-धौलपुर पर भी पड़ेगा।
 
राहुल से पहले सोनिया भी पहुंच चुकी हैं देवली
 
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए समर्थन मांगने पार्टी उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी से पहले उनकी मां और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी भी देवली के दौरे पर आ चुकी हैं। 2008 में भी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत यहां से की थी और उस समय स्‍टार नेता के रूप में सोनिया गांधी यहां पहुंची थी। इसके बाद कांग्रेस राजस्‍थान में भारी बहुमत से सत्‍ता में लौटी थी।

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