पुणे। महाराष्ट्र के पुणे और आसपास के शहरों में पिछले 24 घंटो
के दौरान तूफानी बारिश और ओलावृष्टि का कहर देखने को मिला है। भीषण
ओलावृष्टि के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खेतों में खड़ी फसल
बर्बाद हो गई। कहीं पर पेड़ गिरे तो कहीं पर बिजली के खंभे गिर जाने से
बिजली चली गई। ओलावृष्टि के कारण कई जानवरों की मौत हो गई। पश्चिम विदर्भ
में भीषण ओलावृष्टि ने एक युवक की जान ले ली और तीन दर्जन से अधिक लोगों को
घायल कर दिया।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस बरसात ने महाराष्ट्र में 10 लाख से ज्यादा अंगूर की फसल बर्बाद कर दी है।
पुणे,बारामती,औरंगाबाद और यवतमाल में देर शाम
हुई ओलावृष्टि और तूफानी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को झकझोर कर रख दिया।
चारों तरफ आलम यह था कि ओलावृष्टि रुकने के बाद जब लोग बाहर आए तो उन्हें
सड़कों, खेतों और घरों के आसपास कश्मीर जैसा नजारा देखने को मिला। तूफान के
साथ ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि लोग और मवेशी खुद को बचा नहीं पाए। कई
घर-दुकानों की छतें उड़ गई। नाले में बाढ़ जैसा नजारा देखने को मिला। कई जगह
महिलाएं इस पानी में बहते-बहते बची।
पुणे जिले के कई इलाकों में बे मौसमी बारिश और ओले गिरने से फसल का काफी
नुकसान हो चुका है। तकरीबन आधे घंटे तक बरस रही बारिश ने जिले के कई इलाकों
की फसल चौपट की। जिले के दौंड़, इंदापुर, बारामती इलाके में ओले गिरने से
फसल बर्बाद हुई। इसमें अंगूर, ज्वार, गेहूं की फसल का ज्यादा नुकसान हुआ
है। आसमान से बरसे ओलों का आकार बेर से लेकर लड्डू तक था जिसके चलते सड़कों
पर दौड़ रहे कई वाहनों के शीशे भी टूट गए। कई दो पहिया वाहन सवार भी इस
दौरान घायल हो गए।
पुसद तहसील के शेंबालपिंपरी गांव के जामनाईक-2 में आज गजानन कुबड़े नामक
(24) चरवाहे की मौत हो गई। वह देर शाम खेत में गया था। तेज ओलावृष्टि के
बाद उसका शव पाया गया। दिग्रस तहसील के मांडवा में शोभा क्षीरसागर (55)
ओलावृष्टि से गंभीर घायल हो गई। जिले भर में 5 लोग घायल हुए हैं। आर्णी,
उमरखेड, बाभुलगांव, दिग्रस और दारव्हा में जोरदार बारिश हुई। दिग्रस तहसील
के रोहणा, मांडवा, साखरा, हरसूल, मोप, तिवरी,बोरी अरब में जमकर ओले
बरसे। मोख, तिवरी, सोनखास और बोरी (अरब) जैसे गांवों में फावड़े से ओले
हटाना पड़ा। रबी की फसल तबाह हो गई है। दर्जनों बकरियों के साथ 50 मुर्गियां
भी मारी गई हैं।
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