शुक्रवार, फ़रवरी 14, 2014

कांग्रेस के लिए अब भी राह आसान नहीं

नई दिल्ली। तेलंगाना की फांस में उलझी संप्रग सरकार को अब मुख्य विपक्षी दल भाजपा राहत देने के मूड में नहीं है। बृहस्पतिवार को संसद में तेलंगाना विधेयक पेश करने को लेकर उठे विवाद और कांग्रेसी सदस्यों के उपद्रव के बाद भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी अब सरकार से कोई बात नहीं करेगी। प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात में पार्टी नेताओं ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे बहस के बाद ही विधेयक पारित कराने के पक्षधर हैं। जाहिर है कि मंगलवार को फिर से सरकार के लिए फजीहत की स्थिति होगी।
तेलंगाना के मुद्दे पर अपनों के ही बीच घिरी सरकार पिछले कुछ दिन से लगातार भाजपा के संपर्क में थी। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की ओर से यह भरोसा भी दिलाया गया था कि वह समर्थन करेंगे, लेकिन बृहस्पतिवार की घटना ने फिर से कड़वाहट बढ़ा दी है। दरअसल जिस तरह सरकार ने विधेयक पेश करने का दावा किया उसे लेकर भाजपा ही नहीं पूरा विपक्ष उग्र है। नेता विपक्ष सुषमा स्वराज के साथ बीजद, सपा, अन्नाद्रमुक, माकपा, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मिलकर शिकायत की। बाद में सुषमा ने कहा कि सदन के बिजनेस में तेलंगाना नहीं था। पूरक बिजनेस में उसका उल्लेख किया गया था, लेकिन वह सदस्यों को 2 बजे के बाद मिला। फिर यह विधेयक कब पेश हो गया। यह और बात है कि सरकार के मंत्री और खुद मीरा कुमार ने विधेयक पेश होने की पुष्टि कर दी। सरकार ने 17 सदस्यों को सदन से निलंबित कर रास्ता थोड़ा तो आसान कर लिया है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि अब विपक्ष बिना चर्चा के विधेयक पारित करने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी तरफ अब सरकार के पास बहुत वक्त नहीं है। सोमवार को अंतरिम बजट पेश किया जाना है। लिहाजा, मंगलवार को ही तेलंगाना पर कदम बढ़ाया जा सकता है।

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