बुधवार, फ़रवरी 26, 2014

दिल्ली में मंत्रियों के लिए बने बंगले में खुलेगा दफ्तर

नई दिल्ली। करोड़ो रुपये फूंक कर शीला सरकार ने अपने मंत्रियों के लिए सिविल लाइंस इलाके में जो बंगले बनाए थे, उनमें से एक बंगले में अब दिल्ली सरकार का नया दफ्तर शुरू होने जा रहा है। सूबे में लागू राष्ट्रपति शासन के मद्देनजर राजनिवास को सहयोग करने के लिए इस दफ्तर की शुरुआत की जा रही है। इनमें दिल्ली सरकार के तीन वरिष्ठ अधिकारी और उनका स्टाफ बैठेगा। नए दफ्तर को तैयार करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
2008 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद शीला दीक्षित मंत्रिमंडल ने पहला फैसला अपने मंत्रियों के लिए बंगलों के निर्माण का लिया था। सिविल लाइंस इलाके में बनाए गए कुल छह बंगलों के निर्माण पर करोड़ों रुपये बहा दिए गए। लेकिन जब इनमें रहने की बात आई तो सभी मंत्रियों ने वहां जाने से इन्कार कर दिया। इनमें से एकमात्र आवंटन कुंवर करण सिंह को किया गया, जो विधानसभा में सत्ताधारी दल के मुख्य सचेतक थे और इस नाते उन्हें मंत्री का दर्जा हासिल था। बाकी बंगले खाली पड़े रहे। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल सरकार के गठन के बाद खुद केजरीवाल व उनके मंत्रियों को भी इन बंगलों के आवंटन की पेशकश की गई, लेकिन इनमें से भी कोई वहां जाने को तैयार नहीं हुआ। अब इसमें दिल्ली सरकार के लिए एक दफ्तर शुरू किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल कार्यालय ने मुख्य सचिव एसके श्रीवास्तव को पिछले दिनों एक पत्र भेजकर राजनिवास के सहयोग के लिए एक नया दफ्तर शुरू करने के लिए स्थान, कर्मचारी व अन्य साजो सामान उपलब्ध कराने को कहा था। इस अनुरोध के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने राजनिवास के ठीक बगल में स्थित मंत्रियों के बंगलों में से एक बंगले को नया दफ्तर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। लोक निर्माण विभाग इसे तैयार करने की कवायद में जुटा है।
सरकार से जुड़े एक आला अधिकारी ने कहा कि राजनिवास के पास होने से यहां से काम करना आसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल सरकार के इस्तीफे व राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद सारी जिम्मेदारी राजनिवास पर है। ऐसे में नया दफ्तर खुल जाने से वहां मौजूद अधिकारियों पर से काम का दबाव कुछ कम किया जा सकेगा।

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