नई दिल्ली. खुद को सहारा इंडिया परिवार का प्रबंध कार्यकर्ता और मुख्य अभिभावक कहने वाले समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय आज सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होंगे। रहस्यमय कारोबारी समूह के तौर पर देखे जाने वाले सहारा समूह के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
क्या है मामला?
निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनी नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का आरोप है कि सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 2008 में 3 करोड़ निवेशक बॉन्ड धारकों से करीब 6,380 करोड़ रुपये और 19,400 करोड़ रुपए जुटाए। ये दोनों कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड नहीं हैं। लेकिन आरोप है कि इसमें कई तरह की अनियमितताएं की गईं। 2011 में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा से निवेशकों को उनके पैसे ब्याज समेत लौटाने को कहा। लेकिन सहारा ने सेबी से कहा कि यह मामला उसकी पैराबैंकिंग गतविधि के दायरे में आता है, इसलिए इसमें सेबी की कोई भूमिका नहीं है। इस मामले में सहारा ने सेबी के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन वहां सहारा को कोई राहत नहीं मिली।
अब तक क्या हुआ ?
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में ही करीब के 24 हजार करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में सेबी को निगरानी करने के लिए कहा था। इसके लिए 30 नवंबर, 2012 तक का वक्त दिया गया था। लेकिन दिसंबर में सहारा समूह की अर्जी पर यह राशि तीन किश्तों में फरवरी, 2013 तक लौटाने की छूट दी गई। कोर्ट ने उस समय आदेश दिया था कि सहारा समूह 5,120 करोड़ रुपए तत्काल जमा करे और 10,000 करोड़ रुपए जनवरी, 2013 के पहले हफ्ते में और बाकी राशि फरवरी, 2013 के पहले सप्ताह में दे, लेकिन कंपनी ने बाकी की किश्तें जमा नहीं कराईं। सहारा की तरफ से सिर्फ 5,120 करोड़ रुपए जमा कराए गए। फरवरी, 2013 में सेबी ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी इन दोनों कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। सुब्रत रॉय और उनके समूह ने जब निवेशकों के पैसे नहीं लौटाए तो सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दोनों कंपनियों को वैल्यूएशन रिपोर्ट के साथ जायदाद की टाइटल डीड जमा करने के आदेश दिए। इसके लिए कोर्ट ने तीन हफ्तों का वक्त भी दिया था। लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी की मांग की है। इसी सिलसिले में बुधवार को सुब्रत रॉय की अदालत में पेशी है।
क्या हो सकता है आगे?
सहारा समूह अगर निवेशकों के पैसे नहीं लौटा पाया तो सुप्रीम कोर्ट रुख सख्त कर सकता है। ऐसे में सहारा समूह की संपत्ति और समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और निदेशकों की निजी संपत्ति की नीलामी का खतरा बना हुआ है। नीलामी के जरिए हासिल की गई राशि से निवेशकों के पैसे लौटाए जा सकते हैं। अगर यह सब हुआ तो सहारा समूह से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े 12 लाख कर्मचारियों और निवेशकों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
सिर्फ 1 फीसदी निवेशक सही?
सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी में सेबी ने बताया है कि उसने सहारा के बॉन्ड में निवेश करने वाले 21,253 लोगों को रजिस्टर्ड चिट्ठी भेजी थी। इन निवेशकों के बारे में जानकारी सहारा समूह ने ही दी थी। उन चिट्ठियों में निवेशकों से उनके निवेश की जानकारी, जरूरी दस्तावेजों की मांग की गई थी। लेकिन इसके जवाब में सिर्फ 233 निवेशकों ने जवाब दिए। इस तरह से कुल 1.09 फीसदी लोगों ने ही सेबी की मांग पर जानकारी दी। करीब 7,733 चिट्ठियां तो बिना खुले ही वापस आ गईं। वापस आईं कई चिट्ठियों पर यह लिखा हुआ था, अधूरा पता/पता नहीं मिला। 63 फीसदी रजिस्टर्ड चिट्ठियां (13,449 चिट्ठियां) कभी वापस नहीं आईं।
सुब्रत रॉय दुनिया भर में अपना कारोबार फैला चुके हैं। सहारा ग्रुप का अलग-अलग कई सेक्टरों में पैसा लगा हुआ है। सुब्रत राय का कारोबार फाइनेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड हाउसिंग, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, कंज्यूमर रिटेल वेंचर, मैन्युफैक्चरिंग और आईटी सेक्टर में फैला हुआ है। सहारा के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि समूह ने कुछ समय पहले न्यूयॉर्क में 4400 करोड़ रुपए में दो होटल-न्यूयॉर्क प्लाजा और ड्रीम न्यूयॉर्क खरीदे हैं। लंदन का ग्रॉसवेनर हाउस होटल का मालिकाना हक भी समूह के पास है।
एक आकलन के मुताबिक करीब 2.82 लाख करोड़ रुपए कीमत वाले सहारा समूह ने 1702 करोड़ रुपए कीमत मेंआईपीएल टीम, बांग्लादेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश, 550 करोड़ निवेश के साथ सहारा फोर्स इंडिया टीम में 42 फीसदी हिस्सेदारी, 3000 करोड़ के निवेश के साथ सहारा क्यू शॉप, करीब 21 हजार करोड़ की पावर कंपनी सहित कई हजार करोड़ रुपए निवेश किए हैं।
सहारा के पास मुंबई के एंबी वैली में 313 एकड़ जमीन के डेवलपमेंट के अधिकार, मुंबई के वर्सोवा में 106 एकड़ जमीन, लखनऊ में 191 एकड़ जमीन, देश के 10 अलग-अलग शहरों में 764 एकड़ जमीन, एंबी वैली लिमिटेड के 1 करोड़ 51 लाख शेयर और सहारा इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग के 204 करोड़ रुपए के शेयर हैं।
मीडिया ने भी माना था लोहा
2004 में 'टाइम' मैगजीन सहारा को भारतीय रेलवे के बाद दूसरी सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली संस्था बता चुकी है। 'इंडिया टुडे' ने उनका नाम देश के 10 सबसे ताकतवर लोगों में शामिल किया था।
स्कूटर से शुरू किया सफर, आज न्यूयॉर्क और लंदन में होटलों के मालिक हैं सुब्रत
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि रॉय था। कोलकाता में शुरुआती शिक्षा-दीक्षा लेने के बाद उन्होंने गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। सुब्रत रॉय ने अपना पहला कारोबार गोरखपुर से ही शुरू किया। सुब्रत को जानने वाले बताते हैं कि वे शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर थे। उनका मन पढ़ने से ज्यादा अन्य बातों में लगता था। एक छोटे से शहर से बिजनेस शुरू करने वाले इस शख्स ने 36 सालों में दुनिया भर में अपना कारोबार फैला लिया। सुब्रत रॉय ने 1978 में जब सहारा की शुरुआत की थी तब उनकी जेब में महज 2000 रुपए ही थे। सुब्रत को 70 के दशख से जानने वाले लोग बताते हैं कि तब सुब्रत रॉय गोरखपुर में एक स्कूटर से चलते थे। तब दिन में 100 रुपये कमाने वाले लोग उनके पास 20 रुपये जमा करते थे। सुब्रत रॉय ने स्वप्ना रॉय से प्रेम विवाह किया है। सुब्रत रॉय के साथ उनके स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़े करीब 100 दोस्त भी काम करते हैं।
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