शुक्रवार, दिसंबर 06, 2013

यौन शोषण: दिल्ली पुलिस ने इंटर्न से मांगा वक्त

दिल्ली। यौन शोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ए के गांगुली की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली पुलिस भी अब हरकत में आती दिख रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पीड़ित इंटर्न से समय मांगा है। दिल्ली पुलिस इंटर्न का बयान दर्ज कर सकती है।
कनॉट प्लेस के एसीपी पवन कुमार के मुताबिक तिलक मार्ग थाना में दर्ज की गई भारत विकास संगठन की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने लॉ इंटर्न को मेल लिखकर बयान कराने के लिए कहा है। ये शिकायत परसों दर्ज की गई थी। लेकिन अभी तक इंटर्न की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। अभी मामला सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति में चल रहा है। इसलिए लड़की बात नहीं कर रही है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने कानूनी सलाह की भी मांग की है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी से भी जस्टिस गांगुली को झटका लगा है। कमेटी ने माना है कि प्रथम दृष्टि में जस्टिस गांगुली का व्यवहार आपत्तिजनक लगता है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय का ये कहना है कि कोर्ट इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर सकता क्योंकि घटना के वक्त जस्टिस गांगुली सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो चुके थे।
सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी. सदाशिवम को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में लिखा है कि कमेटी ने पीड़ित लड़की, जस्टिस गांगुली और तीन गवाहों का लिखित और मौखिक बयान सुना। कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पीड़िता और जस्टिस गांगुली 24 दिसंबर 2012 को एक पांच सितारा होटल में रात 8 और 10.30 बजे के बीच मिले। पीड़िता के बयान से प्रथम दृष्टि में ये लगता है कि जस्टिस गांगुली का व्यवहार आपत्तिजनक था। उसे यौन शोषण कहा जा सकता है।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला किया है कि कोर्ट अपनी तरफ से इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि उस वक्त जस्टिस गांगुली रिटायर हो चुके थे। महिला इंटर्न भी कोर्ट से नहीं जुड़ी थी। कुछ कानूनी जानकार कोर्ट के इस आदेश की आलोचना कर रहे हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह का कहना है कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा से जुड़ा है लिहाजा कोर्ट को एफआईआर दर्ज करने का आदेश देकर मुकदमा चलाना चाहिए था।
हालांकि दिल्ली और कोलकाता में जस्टिस गांगुली के खिलाफ थाने में अलग-अलग लोग शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन तकनीकी तौर पर जब तक पीड़िता खुद पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराती, तब तक कार्रवाई नहीं हो सकती।
कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा ने ये आरोप लगाया था कि जस्टिस गांगुली ने उसके साथ दिल्ली के एक होटल में यौन शोषण किया था। हादसे से पहले छात्रा ने जस्टिस गांगुली के अधीन ट्रेनिंग की थी। पीड़ित महिला को हादसे से उभरने में एक साल लग गए। बाद में उसने अपनी आपबीती मीडिया को ज़ाहिर की। बाहरहाल अगर आरोप साबित हो गए तो जस्टिस गांगुली को दो साल तक की सजा हो सकती है।

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