शुक्रवार, दिसंबर 06, 2013

‘दुनिया की रोशनी खो गई’ नहीं रहे दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्‍ट्रपति नेल्‍सन मंडेला और भी...

जोहांसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का निधन हो गया है। वे 95 साल के थे। फेफड़े में संक्रमण की बीमारी के चलते सितंबर में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उनका घर पर ही इलाज किया जा रहा था। मंडेला के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित दुनिया के शीर्ष नेताओं ने शोक जताया है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने मंडेला के निधन की जानकारी दी। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी आंदोलन के दौरान वह लगभग तीन दशकों तक जेल में बंद रहे थे। वह अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। राष्ट्र के नाम अपने शोक संदेश में राष्ट्रपति जैकब जुमा ने देशवासियों से कहा कि दक्षिण अफ्रीका के लोकतंत्र के संरक्षक और हमारे प्यारे नेल्सन मंडेला अब हमारे बीच नहीं रहे।
अफ्रीकी गांधी कहलाते थे
मंडेला के अहिंसावादी रवैये और गांधीवादी तौर तरीकों के कारण उन्हें अफ्रीकी गांधी की संज्ञा दी जाती थी। साल 1993 में उनके इसी तेवर को सम्मान देते हुए उन्हें नोबेल के शांति पुरस्कार से नवाजा गया। दक्षिण अफ्रीका की राजनीति मे अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के वह अध्यक्ष भी रहे और 1994 से 1999 के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की बागडोर भी संभाली थी।
भारत के साथ था गर्मजोशी भरा रिश्ता
भारत के साथ मंडेला के संबंध अत्यधिक मधुर रहे थे। वह महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने में विश्वास करते थे। भारत सरकार ने उनके गांधीवादी विचारधारा को और अलंकृत करते हुए उन्हें 1990 में भारत रत्न से विभूषित किया।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद देश में राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है और राष्ट्रध्वज को आधा झुका दिया गया है। राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपने शोक संदेश में कहा कि मंडेला का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मंडेला का जन्म 18 जुलाई 19।8 को दक्षिण अफ्रीका के केप प्रांत में हुआ था। 1999 में सक्रिय राजनीति से लगभग दूर रहने के बाद वह अपना ज्यादातर समय सामाजिक कार्यों में लगाते थे।

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