सोमवार, अक्तूबर 14, 2013

दुश्मनों की खैर नहीं, अब एलओसी पर घुसपैठ सूंघ लेंगे फौजी स्वान

मेरठ, रवि प्रकाश तिवारी। सरहद पर लगातार पड़ोसी की बढ़ती नापाक हरकत और बढ़ते घुसपैठ को देखते हुए फौज ने अपने जवानों के साथ अब प्रशिक्षित स्वानों को भी तैनात करने का मन बना लिया है। ये स्वान दुर्गम क्षेत्रों से दुश्मन के नापाक हरकत को सूंघकर जान लेंगे और घुसपैठियों को वहीं धराशायी कर दिया जाएगा।
फौजी सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष मार्च-अप्रैल से गार्ड डॉग्स को सरहद पर निगहबानी के लिए तैनात किया जा सकता है। सरहद पर तैनाती से पहले फौजी स्वानों को जो भी प्रशिक्षण की अतिरिक्त जरूरत होगी, उसे शेष समय में मेरठ छावनी स्थित रिमाउंट एंड वेटनरी कोर [आरवीसी] सेंटर में तराशने का काम होगा।
फौज के लिए कुत्तों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम मेरठ छावनी स्थित आरवीसी सेंटर में ही चलता है। आरवीसी के प्रशिक्षण कार्य का जायजा लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर मेरठ पहुंचे महानिदेशक ले. जनरल एनएस कंवर ने इस बाबत सैन्य अफसरों के साथ चर्चा की। डीजी को प्रशिक्षण के स्तर से रू-ब-रू कराया गया। उन्होंने इस दौरान अफसरों से कहा कि फौज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि गार्ड डॉग्स को निगहबानी में एलओसी पर तैनात किया जाए। सुरक्षा के लिहाज से गार्ड डॉग्स बेहद प्रभावी और दुश्मन के लिए खतरनाक साबित होते हैं।
बता दें कि आरवीसी में कुत्तों को विस्फोटक सूंघने से लेकर कुल आठ तरह के प्रशिक्षण का कार्यक्त्रम चलता है। पिछले दिनों ही आरवीसी ने एसॉल्ट डॉग की ट्रेनिंग देनी शुरू की है। इस विशेष तरह की ट्रेनिंग में कुत्ते दुश्मन पर निर्णायक अटैक करते हैं। घाटी में सर्च अभियान और दहशतगदरें की धरपकड़ के लिहाज से ये काफी प्रभावकारी साबित होते हैं। आरवीसी कमांडेंट मेजर जनरल जगविंदर सिंह का कहना है कि स्वानों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता रहता है। सरहद पर तैनाती के लिए अगर हमें निर्देश मिलता है तो हमारे प्रशिक्षित स्वान कभी भी तैनात किए जा सकते हैं।

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