शनिवार, अक्तूबर 12, 2013

प्रत्यर्पण संधि के लिए इंडोनेशिया पर भारत ने डाला दबा

जकार्ता। दक्षिण एशियाई देशों के पहले दौरे पर इंडोनेशिया पहुंचे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आर्थिक मुद्दों के अलावा आतंकवाद, सुरक्षा और भ्रष्टाचार से लड़ने में भी एक-दूसरे के साथ सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। भारत ने इंडोनेशिया पर प्रत्यर्पण संधि को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने का दबाव डाला। दोनों देशों ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।
आसियान की बैठक में हिस्सा लेने के बाद ब्रुनेई से गुरुवार को जकार्ता पहुंचे मनमोहन ने इंडोनेशिया को लुक ईस्ट पॉलिसी का अहम देश करार दिया। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसिलो बामबांग युधोयोनो से मुलाकात के बाद मनमोहन ने कहा, सुरक्षा सहयोग को लेकर मैंने अधिकारियों को व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक स्वास्थ्य, नार्कोटिक्स, आपदा प्रबंधन समेत छह मुद्दों पर दोनों देशों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए। वार्ता के बाद जारी बयान के मुताबिक आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने, हथियारों की तस्करी, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान, संगठित अपराध, मनी लांड्रिंग, ड्रग और मानव तस्करी से मुकाबला करने जैसे मसलों पर भी सहमति बनी। साइबर सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा और जिहादी ताकतों से निपटने में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी अधिकारियों को बातचीत के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता आपसी संबंधों को बढ़ाने में सहायक होगा। वार्ता में दोनों देशों ने 20 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2015 तक 25 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया।

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