सोमवार, सितंबर 09, 2013

भर्ती में बार-बार भगदड़ के बावजूद सबक नहीं


लखनऊ, फिर बुलंद शहर, फिर चंदौली, बरेली, आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, मथुरा .. और अब प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले में सेना भर्ती में टोकन लेने के दौरान मची भगदड़ ने यह साफ कर दिया है कि सूबे के निजाम और भर्ती प्रबंधन में हमेशा की तरह सामंजस्य का अभाव बना हुआ है और कोई भी पुरानी घटनाओं से सबक लेने को तैयार नहीं है।

रविवार को प्रतापगढ़ में टोकन लेने के लिए अभ्यर्थियों के बीच की होड़ में साठ से अधिक लोग घायल हो गये। भर्ती के लिए जाने वाले अभ्यर्थियों का कभी स्टेशन पर हंगामा तो कभी ट्रेन में कब्जा तो कभी मौके पर ही तनातनी। यह एक रवायत बन चुकी है। यदि भर्ती के दौरान हुए उपद्रव की पिछली घटनाओं को देखते हुए शासन-प्रशासन और सेना के अधिकारी जरा सा भी सचेत रहे होते तो ऐसी स्थिति नहीं होती। अब तक जितनी भी घटनाएं और हंगामा हुआ, एक बात साफ तौर पर देखने को मिली कि अभ्यर्थियों की काफी भीड़ जुटी और उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल का अभाव रहा। हर बार घटनाओं के बाद यह बात उठी कि भर्ती प्रबंधन ने प्रशासन को अनुमानित अभ्यर्थियों की जानकारी नहीं दी, इसलिए पर्याप्त फोर्स तैनात नहीं की जा सकी। लेकिन बार-बार के अनुभवों के बावजूद मुकामी प्रशासन ने भी यह आकलन करने की कोशिश नहीं की कि अभ्यर्थियों की संख्या कितनी है और उन्हें कैसे नियंत्रित किया जाय। कहीं पिछड़ न जाएं, इस भावना में अभ्यर्थी नियम तोड़ते हैं, लेकिन उन्हें अनुशासित करने के नाम पर जो व्यवस्था बनाई जाती, उससे बदइंतजामी और बढ़ जाती है। प्रतापगढ़ में भी भर्ती टोकन देने के लिए जीआइसी में अभ्यर्थी बुलाये गये और संख्या बढ़ी तो गेट बंद कर दिया। जल्दी टोकन पाने की होड़ में हंगामा हुआ और नतीजतन कई चुटहिल हो गये।

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सबक लेने को काफी हैं ये घटनाएं

- 31 मई 2009। बुलंदशहर में भर्ती में शामिल होने गये अभ्यर्थियों ने स्टेशन पर उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की। कई यात्री घायल हुए।

- 19 जुलाई 2009। चंदौली में अभ्यर्थियों और सेना के बीच हुए विवाद में फायरिंग। एक अभ्यर्थी की मौत, 20 घायल।

- 14 जुलाई 2009 को बुलंदशहर में पुलिस भर्ती में गये अभ्यर्थियों पर भी पुलिस को लाठियां बरसानी पड़ी क्योंकि हालात बेकाबू हो गये थे।

-20 जनवरी 2009 को भर्ती के लिए जा रहे 200 अभ्यर्थी प्रतापगढ़ के चिलबिला के पास सरयू एक्सप्रेस की छत पर हंगामा मचा रहे थे। इसमें तीन लोगों की गिरकर मौत हो गयी।

- 15 नवंबर 2010 को फतेहपुर 12वीं वाहिनी पीएसी के मैदान में सेना की भर्ती में गये अभ्यर्थियों ने भी उत्पात मचाया।

- लखनऊ के कैण्ट क्षेत्र के मंगल पाण्डेय रोड पर भर्ती के लिए आये अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। प्रबंधन की जवाबी कार्रवाई के दौरान पांच अभ्यर्थियों की मौत हो गयी।

-14 जुलाई 2012 को आगरा कैंट के सदर बाजार इलाके में सेना भर्ती में भीड़ के दौरान भगदड़ मच गयी। अलीगढ़ से आये एक अभ्यर्थी की मौत।

-15 जनवरी 2013 को फर्रुखाबाद में भल सेना की भर्ती रैली में भगदड़ से कई घायल।

-8 मार्च 2013 को फिरोजाबाद सेना भर्ती के दौरान लाठीचार्ज और भगदड़।

-17 अप्रैल 2013 को मथुरा में हो रही भर्ती में भगदड़ मचने से आधा दर्जन घायल।

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