कांधला पहुंचे लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव को भारी विरोध का सामना करना पडा। सोमवार को करीब 10.50 बजे कांधला के चंदन लाल नेशनल इंटर कालेज स्थित हेलीपैड पर पहुंचे शिवपाल मंत्रियों की फौज के साथ कार से कस्बा स्थित ईदगाह पहुंचे। यहां उन्होंने पीड़ितों का हाल जानना शुरू किया। वह जैसे ही मंच पर पहुंचे तो माइक की व्यवस्था नहीं होने से अपनी बात पीड़ितों तक नहीं रख सके। इसके अलावा हाल जानने में महज रस्म अदायगी देख पीड़ितों का गुस्सा फूट पडा। पीड़ितों ने लोक निर्माण मंत्री की मौजूदगी में ही नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामा बढ़ता देख शिवपाल सिंह यादव उलेमाओं व मीडिया से बात कर मुजफ्फरनगर के जोगियाखेड़ा के लिए रवाना हो गए। इस दौरान शिवपाल सिंह यादव ने हजरत मौलाना इफ्तखारुल हसन से बात कर निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सपा दंगों से बहुत आहत है। वह पीड़ितों के दर्द में शरीक होने आए हैं। उन्होंने भाईचारा एवं शांति की अपील करते हुए कहा कि दोषी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने फर्जी मुकदमें दर्ज होने पर जांच के बाद उन्हें एक्सपंज करने की बात कही। साथ ही दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का दावा किया।
दंगे में आजम खां की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक षड्यंत्र है। आजम खां पाक-साफ हैं। यहां से चलने के बाद शिवपाल यादव बुढ़ाना क्षेत्र के गांव जोगियाखेड़ा पहुंचे और शिविर में पीड़ितों से मुलाकात की। आवास उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान एक महिला भी उनसे मिलना चाहती थी, लेकिन मुलाकात न होने पर उसने रोष जताया। कुछ समय रुककर शिवपाल गांव लोई रवाना हो गये। वे जौला समेत कई स्थानों पर जाएंगे।
हिंसा में मारे गए पत्रकार राजेश वर्मा के घर जाने के बाद शाम लगभग साढ़े चार बजे मुजफफरनगर में पत्रकारों से बातचीत करेंगे। इससे पूर्व सुबह लगभग पौने दस बजे मेरठ हवाई पटटी पहुंचे कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद सियासी जंग तेजाबी हो गई है और राजनीतिक दंगल में नए समीकरण भी लौटने लगे हैं।
लोकसभा चुनावों से पहले दंगों में झुलसी वेस्ट यूपी में जनाक्रोश ने सपा की राहों में नई मुश्किलें बिखेर दी हैं। सभी राजनीतिक दल आरोप प्रत्यारोप की खींचतान के बीच अपना सहज सामाजिक धर्म भी खो बैठे हैं। अब सत्ताधारी समाजवादी पार्टी वेस्ट यूपी में शांति एवं अमन की एक नई सुबह की कवायद में जुट गई है। भले ही इसे राजनीतिक डैमेज कंट्रोल के आइने से देखा जाएगा, किंतु पैगाम का असर प्रभावी हुआ, तो वैमनस्य की खाई भी पटेगी।
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के निर्देश पर लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधित्व करने वाले आठ से नौ मंत्रियों की एक टीम के साथ अमन की राह पर निकलने का दावा किया है। वह शायराना अंदाज में इकबाल का अमनपरस्ती का वह शेर जुबान में रखकर निकले हैं, जिसमें अहले सियासत से अलग मोहब्बत का पैगाम छुपा है। मंत्री के इस दल में जाट समुदाय से मंत्री चौधरी साहब सिंह व मुकेश चौधरी, मुस्लिम समुदाय से मंत्री शाहिद मंजूर, कमाल अख्तर व इकबाल महमूद, एमएलए गुलाम मोहम्मद, गुर्जर समुदाय से तकनीकि शिक्षा मंत्री रामसकल गुर्जर व वीरेन्द्र गुर्जर, वैश्य समुदाय से मंत्री चितरंजन स्वरूप आदि मंत्री शामिल है। मेरठ के जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह, बिजनौर, बागपत, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर के जिला अध्यक्ष व महामंत्री के अलावा प्रदेश कमेटी के 11 पदाधिकारियों की विभिन्न गांव में तैनाती की गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह फौज पूर्व में सीएम अखिलेश यादव के विरोध के चलते लगाई गई है।
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