अपोलो 17 यह अपोलो कार्यक्रम का अंतिम और ग्यारहवां मानव अभियान था। रात मे प्रक्षेपित होने वाला यह पहला अभियान था। इस अभियान की विशेषता थी कि पहली बार कोइ वैज्ञानिक चन्द्रमा पर जा रहा था। इसके पहले सभी यात्री सेना से थे। यह एक विडंबना है या संयोग यह विज्ञानी चन्द्रमा पर जाने वाला आज की तारीख तक आखीरी मानव है।
यात्री दल
ऽयुगीन सेरनन: तीन अंतरिक्ष यात्रायें, कमांडर
ऽरोन इवांस: 1 अंतरिक्ष यात्रा, नियंत्रण यान चालक
ऽहैरीशन जैक स्क्मीट: एक अंतरिक्ष यात्रा , चन्द्रयान चालक
स्कमिट, सेरनन और इवांस
वैकल्पिक यात्री दल
ऽजान यंग: कमांडर, जेमीनी 3, जेमीनी 10, अपोलो 10, अपोलो 16, का अनुभव
ऽस्टुवर्ट रूसा: नियंत्रण यान चालक, अपोलो 14 का अनुभव
ऽचार्लस ड्युक: चन्द्रयान चालक, अपोलो 16 का अनुभव
अभियान के आंकडे
प्रक्षेपित द्रव्यमान: 2.923,400 किग्रा
कुल यान का द्रव्यमान: 46,700 किग्रा
नियंत्रण यान का द्रव्यमान: 30,320 किग्रा
चन्द्रयान का द्रव्यमान: 16,454 किग्रा
पृथ्वी की परिक्रमा: चन्द्रमा की ओर रवाना होने पहले 2, वापिसी मे एक
चन्द्रमा की परिक्रमा: 75
चन्द्रयान का मुख्ययान से विच्छेद: 11 दिसंबर 1972 को 17.20, 20.56 बजे
चन्द्रयान का मुख्ययान से पुनः जुड़ना: 15 दिसंबर को ०1.10- 15 बजे
यान बाह्य गतिविधीयां
यान बाह्य गतिविधी 1 सेरनन और स्क्मिट
प्रारंभ: 11 दिसंबर 1972 को 23.54बजे
अंत: 12 दिसंबर को 07.०6 बजे
कुल समय: 7 घंटे, 11 मिनिट और 13 सेकंड
यान बाह्य गतिविधी 2: सेरनन और स्क्मिट
प्रारंभ: 12 दिसंबर 1972 को 23.28.06 बजे
अंत रू 13 दिसंबर को 07.05.02 बजे
कुल समय: 7 घंटे, 36 मिनिट और 56 सेकंड
यान बाह्य गतिविधी 3: सेरनन और स्क्मिट
प्रारंभ: 13 दिसंबर 1972 को 22.25.48 बजे
अंत: 14 दिसंबर को 05.40.56 बजे
कुल समय: 7 घंटे, 15 मिनिट और 08 सेकंड
इंवास द्वारा अंतरिक्ष मे यान बाह्य गतिविधी
यान बाह्य गतिविधी 4: पृथ्वी की ओर वापसी की यात्रा मे इवांस
प्रारंभ: 17 दिसंबर 1972 को 20.27.40 बजे
अंत: 17 दिसंबर को 21.33.34 बजे
कुल समय: 1 घंटे, 05 मिनिट और 44 सेकंड
चन्द्रमा पर अंतिम बार कदम रखने वाले ये दो मानव मे से एक स्कमिट, चन्द्रमा पर कदम रखने वाले पहले भूगर्भशास्त्री थे। इवांस नियंत्रण यान (अमरीका) मे चन्द्रमा की परिक्रमा कर रहे थे जबकि स्कमिट और सेरनन ने रिकार्ड 109 किग्रा नमुने जमा किये। यात्री दल ने चन्द्रमा पर लगभग 34 किमी की यात्रा की, ये यात्रा उन्होने चन्द्रवाहन द्वारा टारस-लीट्रो घाटी मे की। उन्होने इस दौरान संतरे के रंग की मिट्टी का भी पता लगाया।
चन्द्रवाहन के पास सेरनन
इस अभियान के उतरने की जगह मारे सेरेनेटेटीस जो कि मोन्टेस टारस के दक्षिण पश्चिम मे है। यह एक श्र अभियान था जिसमे चन्द्रवाहन ले जाया गया था। इस दौरान यात्रीयो ने चन्द्रमा पर तीन बार यात्राये कि जो 7.2,7.6 और 7.3 घंटो की थी और 109 किग्रा नमुने जमा किये।
चन्द्रयान नासा के होस्टन, टेक्सास स्थित जानसन अंतरिक्ष केन्द्र मे रखा है।
ब्लू मारबल
इस अभियान के दौरान यात्रीयो ने पृथ्वी की ब्लू मारबल नाम से प्रसिध्द तस्वीर खींची थी।
चन्द्रमा पर अपोलो 17 द्वारा छोडी गयी प्लेट
पृथ्वी पर वापिसी के बाद यह यान सोलोमन द्वीप के पास गीरा जो कि निर्धारीत स्थल से 640 मीटर दूर था। इसे यान को समुद्र से युएस एस टीकोन्डरोगा जहाज ने उठाया।
अपोलो 17 को हेलीकाप्टर उठाते हुये
इस अभियान के बाद की उड़ाने अपोलो 18,1920 बजट की कमी की वजह से रद्द कर दी गयी थी।
अगला लेख अपोलो श्रंखला का अंतिम लेख होगा। इस लेख को मै कुछ इस तरह से लिखने की कोशीश करुंगा कि यह प्रथम लेख का भी कार्य कर सके।
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