शुक्रवार, दिसंबर 25, 2015

बिना अवकाश लिए 19 महीनों से मोदी ने किया काम

नई दिल्ली। 26 मई 2014 को सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया। इन बातों का खुलासा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में किया है। पिछले करीब 19 महीनों में प्रधा
वहीं जब आरटीआई में सवाल पूछा गया कि प्रधानमंत्री के आॅफिस का समय क्या है तो जवाब में लिखा गया कि वह चौबीस घंटे काम पर रहते हैं। पीएम पिछले 19 महीने से लगातार काम पर है और इस दौरान उन्होंने 89 दिन विदेशी दौरे पर गुजारे हैं। इस समय प्रधानमंत्री रूस के दौरे पर हैं। इस लिहाज से 100 दिन तक प्रधानमंत्री यात्रा पर रहे। वहीं प्रधानमंत्री के घरेलू दौरे पर नजर डालें तो पीएम ने 26 मई 2014 से 26 अक्टूबर 2015 के बीच 10 घरेलू यात्राएं की हैं। इस दौरान उन्होंने 11 दिन घरेलू दौरे किए।
एक आरटीआई के जवाब में बताया गया कि पीएम मोदी खुद अपने  फेसबुक अकाउंट को चलाते हैं। लेकिन प्रधानंत्री के आॅफिस का आॅफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पीएमओ आॅफिस की ओर से चलाया जाता है। यही नहीं प्रधानमंत्री के आॅफिस के सोशल मीडिया के अकाउंट को संबंधित लोग चलाए जाते हैं और उन्हें इसके लिए अतिरिक्त सैलरी नहीं दी जाती है। हालांकि इस बात का जवाब नहीं मिल सका है कि विदेशी भाषा में प्रधानमंत्री के ट्वीट के लिए कौन मदद करता है। हालांकि यह साफ? किया गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पीएम को टीपी पढ में मदद करता है।
एक अन्य आरटीआई के जवाब में जानकारी दी गई कि नरेन्द्र मोदी ने आॅफिस से कोई स्मार्टफोन नहीं लिया है। हालांकि वे आई-फोन का यूज करते हैं। यह आई-फोन या तो उन्होंने खरीदा या उन्हें गिफ्ट किया गया है। साथ ही मोदी के इंटरनेट लाइंस की स्पीड के बारे में भी जानकारी दी गई।
पीएमओ ने इस बात का खुलासा भी किया है कि वे व्यक्तिगत खर्चे सरकार के खाते से नहीं लेते हैं। उनके बारे में यह भी बताया गया है कि वे अपने रसोई का खर्चा भी खुद उठाते हैं। उनके व्यक्तित्व की सादगी, उनकी कार्यकुशलता, उनकी वाकपटुता, उनकी जनसेवा की भावना और बराबर की दोस्ती तक के वे तमाम अंदाज आज पूरी दुनिया को मोदी का मुरीद बना रही हैं।
एक कार्यक्रम में पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री मोदी की कार्यकुशलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 18 महीनों में जो छाप विश्व पटल पर छोड़ी है उससे उनकी गिनती विश्व के प्रभावशाली नेताओं में हो रही है। उनके साथ आज पूरा भारत उभर रहा है। इससे भारत की प्रतिष्ठा बढ़ती ही जा रही है। आज जो भारत कहता है दुनिया उसे सुनती है। योग दिवस हो या फिर जलवायु परिवर्तन का मुद्दा भारत की हर बात को पूरी दुनिया ने माना है। उन्होंने ने कहा कि यमन की चुनौती जब हमारे सामने आई तो उस समय प्रधानमंत्री मोदी का प्रभाव काम आया।
उस समय दुनिया के 38 देशों जिसमें अमरीका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस जैसे बड़े-बड़े देश हैं अपने हाथ खड़े कर दिए। लेकिन उस समय भी प्रधानमंत्री मोदी की बात सऊदी अरब और यमन दोनों घोर विरोधी देशों ने मानी। हमने वहां से भारत के साथ-साथ 48 देशों के 7000 से ज्यादा लोगों की निकासी करवाई। सुषमा? स्वराज ने बताया कि ये ऐसे छोटे-छोटे उदाहरण है जो यह बताते हैं कि जिन चीजों के लिए हम अमेरिका, इजराइल जैसे देशों पर आश्रित रहते थे वे आज हमसे गुहार करते हैं। पहली बार बाहर बैठे भारतीयों को यह महसूस हो रहा है कि कोई सरकार ऐसी है जो उनकी तत्काल सुनती है। विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की वजह से आज पूरी दुनिया में शान से सिर उठा के चल रहे हैं।
नमंत्री मोदी ने एक भी छुट्टी नहीं ली और वे देश के विकास के लिए काम में व्यस्त रहें। पीएम ने अभी तक एक भी सिक लीव या कैजुएल लीव नहीं ली है। प्रधानमंत्री मोदी की इस कर्मठता का असर विश्व की राजनीति पर भी नजर आने लगा है।

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