आखिरी बात नहीं भूल रहे परिजन
'मैंने नाश्ता कर लिया है, तुमने भी किया? आठ दिन
से मेरी ड्यूटी सुकमा जिले (छत्तीसगढ़) में चल रही है। आज मैं घने जंगल में
जा रहा हूं। तुम फोन मत करना। मेरी बेटी परी का ख्याल रखना।'
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए कालंदी गांव निवासी जवान नीरज की पत्नी से यह अंतिम बातचीत थी। मंगलवार सुबह करीब सात बजे पत्नी डिंपल से बात के बाद नीरज घने जंगलों में निकल गए थे।
उनका फोन भी स्विच ऑफ हो गया था। इसके बाद कालंदी गांव में उनकी शहादत की खबर आई। शहीद नीरज का शव बुधवार को कालंदी गांव पहुंचा।
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए कालंदी गांव निवासी जवान नीरज की पत्नी से यह अंतिम बातचीत थी। मंगलवार सुबह करीब सात बजे पत्नी डिंपल से बात के बाद नीरज घने जंगलों में निकल गए थे।
उनका फोन भी स्विच ऑफ हो गया था। इसके बाद कालंदी गांव में उनकी शहादत की खबर आई। शहीद नीरज का शव बुधवार को कालंदी गांव पहुंचा।
खबर मिलते ही कोहराम मच गया
मंगलवार शाम करीब चार बजे गांव के ही सीआरपीएफ जवान
रणवीर ने टीवी पर न्यूज सुनने के बाद नीरज के बडे़ भाई ब्रजपाल को फोन
किया। उसने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले की खबर दी।
रणवीर ने ब्रजपाल को नीरज के दोस्त राहुल का मोबाइल नंबर दिया। इसके बाद ब्रजपाल ने राहुल को फोन कर नक्सली हमले और नीरज का मोबाइल स्विच ऑफ होने के बारे में पूछा तो उसने पूरी जानकारी दी।
इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया। शहीद नीरज के घर पर गांव के साथ आसपास के लोगों का तांता लगना शुरू हो गया।
रणवीर ने ब्रजपाल को नीरज के दोस्त राहुल का मोबाइल नंबर दिया। इसके बाद ब्रजपाल ने राहुल को फोन कर नक्सली हमले और नीरज का मोबाइल स्विच ऑफ होने के बारे में पूछा तो उसने पूरी जानकारी दी।
इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया। शहीद नीरज के घर पर गांव के साथ आसपास के लोगों का तांता लगना शुरू हो गया।
तीसरी पोस्टिंग ही आखिरी पोस्टिंग बनी
32 वर्षीय नीरज पुत्र रामपाल सीआरपीएफ की 80
बटालियन में जवान थे। नीरज ने जुलाई-2004 में भर्ती के बाद रामपुर में
ट्रेनिंग की। पहली पोस्टिंग पर वह असम गए। दूसरी पोस्टिंग जम्मू के कटरा
में हुई।
तीन साल पहले उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में हुई थी। पिता रामपाल के तीन बेटों में नीरज दूसरे नंबर के थे। उनका बड़ा भाई ब्रजपाल प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं, जबकि छोटा भाई रोहताश खेती करते हैं।
नीरज की शादी सात वर्ष पूर्व हापुड़, स्याना के गांव अलीपुर निवासी डिंपल पुत्री सुधीश से हुई थी। नीरज की तीन वर्ष की एक बेटी है। डिंपल अभी सात माह के गर्भ से है।
तीन साल पहले उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में हुई थी। पिता रामपाल के तीन बेटों में नीरज दूसरे नंबर के थे। उनका बड़ा भाई ब्रजपाल प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं, जबकि छोटा भाई रोहताश खेती करते हैं।
नीरज की शादी सात वर्ष पूर्व हापुड़, स्याना के गांव अलीपुर निवासी डिंपल पुत्री सुधीश से हुई थी। नीरज की तीन वर्ष की एक बेटी है। डिंपल अभी सात माह के गर्भ से है।
दो माह पहले होना था तबादला
डिंपल ने बताया कि उसकी नीरज से जब भी बात होती थी,
वह यही कहते थे- तू टेंशन मत ले। जल्द ही मेरी पोस्टिंग दूसरी जगह होने
वाली है। दो माह पहले उनका तबादला होना था, लेकिन किसी कारण से नहीं हो
सका।
नीरज के परिजनों के साथ ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस और सेना के जवानों को नक्सली बड़ी क्रूरता से मारते हैं, लेकिन सरकार कोई सख्ती नहीं दिखाती। नीरज ने पाली इंटर कॉलेज से 12वीं पास की थी। वह पत्नी और बच्ची को साथ ही रखते थे।
असम और कटरा में पोस्टिंग के दौरान डिंपल उनके साथ ही थीं। छत्तीसगढ़ में भी पत्नी और बेटी कुछ दिन साथ में थीं। कुछ माह पहले ही वह दोनों को गांव में छोड़ गए थे।
नीरज के परिजनों के साथ ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस और सेना के जवानों को नक्सली बड़ी क्रूरता से मारते हैं, लेकिन सरकार कोई सख्ती नहीं दिखाती। नीरज ने पाली इंटर कॉलेज से 12वीं पास की थी। वह पत्नी और बच्ची को साथ ही रखते थे।
असम और कटरा में पोस्टिंग के दौरान डिंपल उनके साथ ही थीं। छत्तीसगढ़ में भी पत्नी और बेटी कुछ दिन साथ में थीं। कुछ माह पहले ही वह दोनों को गांव में छोड़ गए थे।
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