गुरुवार, मार्च 13, 2014

कैफ से पहले भी राजनीति में उतर चुके हैं कई खिलाड़ी

लंबी है खिलाड़ियों के नेता बनने की लिस्ट

2004 से अमृतसर सीट से सांसद हैं सिद्धूकभी टीम इंडिया के नियमित सदस्य रहे मोहम्मद कैफ भी अब राजनीति के मैदान में कूद गए हैं। हालांकि कैफ पहले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं ‌जो चुनाव की रणभेरी में अपनी ताल ठोकेंगे।

कैफ से पहले भी ऐसे ढेरों स्टार क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने राजनीति के मैदान पर अपनी क्रिकेट की लोकप्रियता भुनाने की कोशिश की। इस मामले में कुछ तो सफल हो गए तो कुछ को निराशा हाथ लगी।

बावजूद इसके हर चुनाव से पहले भारतीय राजनीति में कई खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं और इस बार भी कई पार्टियां खेल सितारों के स्टारडम का फायदा उठाने की जुगत में है। पेश हैं आपके समक्ष ऐसे ढेरों की नेताओं की दास्तां जो पहले खेल के मैदान पर अपने जलवे बिखेर चुके हैं।

क्रिकेटर से कांग्रेस के नेता बने मोहम्मद कैफ

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के मोहम्मद कैफ बेजोड़ बल्‍लेबाज रहे हैं और अपनी धाकड़ बल्‍लेबाजी के कारण वह लंबे समय तक टीम इंडिया के नियमित सदस्य भी रहे।

उन्होंने 2002 में लॉर्ड्स में नेटवेस्ट टूर्नामेंट के फाइनल मैच में इंग्लैंड के खिलाफ अविस्मरणीय पारी खेली थी। कैफ ने 75 गेंदों में नाबाद 87 रन बनाए। इस मैच में भारत ने 327 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड को हराया था।

उन्होंने अब कांग्रेस पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली है और पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट भी दे दिया है। वह उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।  

UPA सरकार ने सचिन को बनाया राज्य सभा सांसद

सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के बेमिसाल अंतरराष्ट्रीय करियर को पिछले साल नबंवर में मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्‍ट मैच खेलकर समाप्त किया था। सचिन ने अपने करियर की शुरुआत 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। सचिन में रिकॉर्ड 200 टेस्ट मैच और 463 वनडे मैच खेले हैं।

क्रिकेट जगत में ढेरों रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके सचिन भी अब राजनीति के मैदान पर आ चुके हैं। 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न हासिल कर चुके सचिन को अप्रैल, 2012 में राज्‍य सभा सांसद बनाया गया था। उन्‍‌होंने 4 जून को 2012 को राज्य सभा सांसद के रूप में शपथ लिया था।  

न क्रिकेट में चले न राजनीति में

सचिन तेंदुलकर के बालसखा रहे विनोद कांबली ने क्रिकेट के मैदान पर शानदार शुरुआत की और शुरुआत में उन्हें सचिन से भी बेहतर बल्‍लेबाज माना गया। लेकिन वह अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को लंबा नहीं खींच सके।

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विनोद कांबली ने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाया पर वहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली। कांबली ने मुंबई के विखरोली से लोक भारती पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार मिली। 

बिहार की राजनीति में चमक रहा यह क्रिकेटर

कीर्ति आजाद बिहार के एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला। उन्होंने भारत के लिए 7 टेस्ट और 25 वनडे मैच खेले है। साथ ही वह 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के सदस्य भी रहे।

हालांकि क्रिकेट से संन्यास के बाद वह राजनीति में आ गए। वह बिहार के मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं और दरभंगा से भाजपा सांसद हैं। 

2004 से अमृतसर सीट से सांसद हैं सिद्धू

भारत के सलामी बल्‍लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू क्रिकेट में अपनी आक्रामक बल्‍लेबाजी के लिए जाने जाते रहे है। टीम इंडिया के लिए सिद्धू ने 51 टेस्‍ट और 136 वनडे मैच खेला।

जनवरी, 1999 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने राजनीति में अपने कदम रखे और भाजपा के टिकट पर पंजाब के अमृतसर संसदीय सीट पर चुनाव जीता था।

वह दो बार लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। पिछली बार 2004 में लोकसभा चुनाव जीता था। बाद में एक केस के कारण उन्हें अपनी सीट छोड़नी पड़ी थी। बाद में उपचुनाव में वह भारी अंतर से विजयी हुए थे। फिर 2009 में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। 

क्रिकेट के बाद चुनाव भी जीत चुके हैं अजहर

मोहम्मद अजहरुद्दीन क्रिकेट में सबसे सफल भारतीय क्रिकेटरों में शामिल हैं। वह लंबे समय तक टीम इं‌डिया के कप्तान रहे है। लेकिन 2000 में मैच फि‌क्सिंग स्कैंडल का मामला सामने आने पर उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था।

हैदराबाद के इस स्टायलिश बल्‍लेबाज ने बाद में राजनीति में अपने कदम रखे लेकिन उन्होंने यह पारी अपने गृह प्रदेश के बजाए यूपी के मुरादाबाद से शुरू की। साथ ही कांग्रेस पार्टी की टिकट पर वह लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब भी रहे। 

पाकिस्तान की राजनीति में व्यस्त हैं इमरान

दुनिया के महानतम आलराउंडरों में शुमार किए जाने वाले इमरान खान क्रिकेट के मैदान पर अपनी सफलता के झंडे गाड़ने के बाद अब राजनीति से भी जुड़ गए हैं।

इमरान ने अपनी कप्तानी में पाकिस्तान 1992 में पहली बार क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन बनवाया था।

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इमरान खान ने राजनीति में कदम रखने का फैसला लिया और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का गठन किया। लगभग एक दशक की राजनीति के बाद पिछले साल उनकी पार्टी को सफलता मिली और पाकिस्‍तान के चार राज्यों में एक राज्‍य में सरकार बनाने में सफल रही। 

राजनीति में भी निशाना साधने को तैयार

डबल ट्रैप निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौर भारत के ऐसे पहले निशानेबाज हैं जिन्होंने देश को ओलंपिक में सफलता दिलाई। एथेंस ओलंपिक 2004 में राठौर ने डबल ट्रैप में रजत पदक जीता था।

निशानेबाजी के बाद अब वह राजनीति में भी अचूक निशाना लगाने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ समय पहले वह जयपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्या लेने के साथ ही राजनीति में अपने कदम रख लिए थे।

हाल ही AAP से जुड़े धनराज पिल्‍ले

धनराज पिल्‍ले पिछले दो दशक में भारतीय हॉकी के सबसे दुलारे हॉकी खिलाड़ी रहे हैं। देश के सबसे बड़े खेल रत्न से सम्मानित हो चुके पिल्‍ले भी हाल ही में राजनीति से जुड़ गए हैं।

हालांकि धनराज पिल्‍ले अभी चुनाव लड़ेंगे या नहीं अभी तय नहीं हो सका है। संभावना है कि अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी उन्हें महराष्ट्र के किसी लोकसभा क्षेत्र का टिकट दे सकती है। 

ममता की पार्टी से लड़ेगा यह फुटबॉल स्टार

बाइचंग भुटिया भारतीय खेल जगत से बेहद लोकप्रिय सितारे रहे हैं। वह भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लंबे समय तक कप्तान रहे। उन्हें क्रिकेट के इतर अन्य खेलों की सबसे बड़ी हस्ती माना जाता है।

फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद भुटिया भी राजनीति के मैदान पर भी अपना भाग्य आजमाने जा रहे हैं। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र का टिकट दिया है।
       

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