'चुनाव तो लड़ना ही पड़ेगा'
कई दिग्गज नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर आनाकानी को देखते उन्हें चुनावी जंग में उतारने की जिम्मेदारी राहुल गांधी के साथ ही सोनिया गांधी ने अपने हाथ में ले ली है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी नेताओं को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि जिन वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ने को कहा जाएगा, उनको चुनाव लड़ना ही होगा।
पार्टी नेता भी इसके बाद सोनिया गांधी के प्रति वफादारी दिखाने के लिए आगे आने लगे हैं। इसी के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह, अंबिका सोनी, मणिशंकर अय्यर और गुलाम नबी आजाद ने चुनाव लड़ने की हामी भरी।
अब कई और दिग्गज बुजुर्ग नेता भी चुनाव लड़ सकते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी नेताओं को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि जिन वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ने को कहा जाएगा, उनको चुनाव लड़ना ही होगा।
पार्टी नेता भी इसके बाद सोनिया गांधी के प्रति वफादारी दिखाने के लिए आगे आने लगे हैं। इसी के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह, अंबिका सोनी, मणिशंकर अय्यर और गुलाम नबी आजाद ने चुनाव लड़ने की हामी भरी।
अब कई और दिग्गज बुजुर्ग नेता भी चुनाव लड़ सकते हैं।
ऐसे माने अमरिंदर सिंह
कांग्रेस ने ऐसे कई बड़े और बुजुर्ग नेताओं को मैदान में उतारा है, जिनकी चर्चा दूर दूर तक नहीं थी। सोनिया और राहुल ने ढूंढ ढूंढ कर बडे़ नेताओं के नामों का चयन किया।
फिर इनको मनाने के लिए बाकायदा अपने दूतों को लगाया। प्रभारी महासचिवों की इसके लिए ड्यूटी लगाई। प्रभारी महासचिवों ने बड़े नेताओं के सामने चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा।
अमरिंदर सिंह के सामने सबसे पहले पंजाब के प्रभारी और पार्टी महासचिव शकील अहमद ने हाईकमान का संदेश दिया। उन्होंने थोड़ी आनाकानी दिखाई तो उनकी सीधे कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात करवा दी।
उस बैठक के बारे में कहा जाता है कि सोनिया ने अमरिंदर को कह दिया था कि पार्टी इस समय संकट से गुजर रही है और उसे आपके योगदान की जरूरत है। इसके बाद सोनिया को अमरिंदर ना नहीं कह सके।
फिर इनको मनाने के लिए बाकायदा अपने दूतों को लगाया। प्रभारी महासचिवों की इसके लिए ड्यूटी लगाई। प्रभारी महासचिवों ने बड़े नेताओं के सामने चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा।
अमरिंदर सिंह के सामने सबसे पहले पंजाब के प्रभारी और पार्टी महासचिव शकील अहमद ने हाईकमान का संदेश दिया। उन्होंने थोड़ी आनाकानी दिखाई तो उनकी सीधे कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात करवा दी।
उस बैठक के बारे में कहा जाता है कि सोनिया ने अमरिंदर को कह दिया था कि पार्टी इस समय संकट से गुजर रही है और उसे आपके योगदान की जरूरत है। इसके बाद सोनिया को अमरिंदर ना नहीं कह सके।
बाकी नेताओं को भी किया तैयार
इसी तरह लुधियाना से सांसद और केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे। उनकी भी हाईकमान से बात करवाई गई। अब उनके भी चुनाव लड़ने की संभावना है।
केंद्रीय उर्वरक राज्यमंत्री श्रीकांत जेना भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे। पार्टी महासचिव बी के हरिप्रसाद ने उनको मनाकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया।
पार्टी में चर्चा है कि कुछ और बड़े नेताओं से भी पार्टी के महासचिव बातचीत कर रहे हैं। बनारस सीट से मोदी के खिलाफ उतारने के लिए दिग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश और डॉ कर्ण सिंह के नाम तक पर चर्चा हो चुकी है।
केंद्रीय उर्वरक राज्यमंत्री श्रीकांत जेना भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे। पार्टी महासचिव बी के हरिप्रसाद ने उनको मनाकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया।
पार्टी में चर्चा है कि कुछ और बड़े नेताओं से भी पार्टी के महासचिव बातचीत कर रहे हैं। बनारस सीट से मोदी के खिलाफ उतारने के लिए दिग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश और डॉ कर्ण सिंह के नाम तक पर चर्चा हो चुकी है।
ये भी लड़ेंगे चुनाव
गुलाम नबी, अंबिका, मणिशंकर अय्यर, अमरिंदर सिंह के चुनावी मैदान में उतारने के बाद पार्टी ने बड़े नेताओं के मैदान छोड़कर भागने से जा रहे नकारात्मक संदेशों को थामने की कोशिश की है।
वहीं बड़े नेता भी खुलकर सामने आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा खुलकर मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए अपने नाम की पेशकश कर रहे हैं।
इन नेताओं पर भी है चुनाव लड़ने का दबाव: अहमद पटेल, मोहन प्रकाश, दिग्विजय सिंह, रेणुका चौधरी, आनंद शर्मा, बीरेंद्र सिंह, सत्यव्रत चतुर्वेदी और प्रवीण राष्ट्रपाल।
वहीं बड़े नेता भी खुलकर सामने आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा खुलकर मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए अपने नाम की पेशकश कर रहे हैं।
इन नेताओं पर भी है चुनाव लड़ने का दबाव: अहमद पटेल, मोहन प्रकाश, दिग्विजय सिंह, रेणुका चौधरी, आनंद शर्मा, बीरेंद्र सिंह, सत्यव्रत चतुर्वेदी और प्रवीण राष्ट्रपाल।
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