नई दिल्ली. टिकट नहीं मिलने से नाराज होने वाले भाजपा नेताओं की सूची लंबी होती जा रही है। फतेहपुर सीकरी के भाजपा नेता उदयभान सिंह टिकट नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं। बीजेपी में दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को लोकसभा उम्मीदवार बनाने को लेकर काफी तरजीह दी गई है। अभी तक बीजेपी अपने 406 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है और इनमें से 56 उम्मीदवार वैसे हैं जो या तो दूसरी पार्टियों से आए हैं (जैसे- रामकृपाल यादव आदि) या फिर हाल में ही पार्टी से जुड़े हैं (जैसे वी.के. सिंह, आर.के. सिंह आदि)। यानी अब तक घोषित कुल उम्मीदवारों का 14 प्रतिशत। इन लोगों को टिकट दिए जाने से स्थानीय स्तर पर काफी नाराजगी है।
नए साथी जोड़े जाने पर भी पार्टी में बगावती तेवर खुल कर सामने आए हैं। साबिर अली का उदाहरण सबसे ताजा है। रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा से गठबंधन को लेकर बिहार के नेता इतने नाराज हुए कि नरेंद्र मोदी की रैली तक में नहीं आए। ऐसे में इस बात का खतरा बढ़ गया है कि नेताओं की नाराजगी 'बाहरी' उम्मीदवारों को असहयोग के रूप में पार्टी पर भारी पड़ सकती है और मिशन 272+ को अंजाम पहुंचाना मुश्किल हो सकता है।
किस राज्य में कितने हैं नए चेहरे
मजे की बात यह है कि इन 56 लोगों में से आधे यानी 28 सिर्फ उत्तर प्रदेश और बिहार के नेता हैं। बिहार में बीजेपी के 30 उम्मीदवारों में से 10 वैसे लोग हैं जो हाल में ही बीजेपी में शामिल हुए हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 75 उम्मीदवारों में से ऐसे लोगों की तादाद 18 है। हरियाणा में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी ने पांच सीटों पर नए लोगों को तरजीह दी है। इसके अलावा दिल्ली की सात सीटों में से तीन पर उसने नए चेहरे उतारे हैं।
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