मंगलवार, फ़रवरी 18, 2014

चाय की सियासत में अब सपा व कांग्रेस भी

गोरखपुर । भाजपा के नरेंद्र मोदी के नाम पर शुरू हुई चाय की सियासत शहर से लेकर गांव तक परवान चढ़ रही है। जनता का ध्यान खींचने में सफल भाजपा के मोदी टी स्टॉल ने विरोधी दलों को भी बेचैन कर दिया है। यही कारण है गोरखपुर और आसपास के जिलों में सपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता भी जवाबी टी स्टॉल लगाने लगे हैं। कांग्रेसी तो कहीं कॉफी तो कहीं दूध स्टॉल लगा रही है। चाय-काफी पिलाने की राजनीतिक दलों की यह प्रतिस्पर्धा जनता को भी रास आ रही है।
भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही उन्हें आम आदमी के बीच का बताने की मुहिम छेड़ी थी। बताया गया कि कि मोदी कठिन संघषरें के बीच से निकले हैं, उन्होंने जीवन यापन के लिए चाय तक बेची। विरोधी दलों ने इसको लेकर कई टिप्पणी भी की, लेकिन नरेन्द्र मोदी का चाय फार्मूला ऐसा हिट हुआ कि भाजपा ने जगह जगह मोदी टी स्टाल लगाकर जनता को लुभाने की कोशिश शुरू कर दी। अब तो चाय चौपाल भी लगाई जा रही है।
इस लोकप्रियता से बेचैन सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जवाब देने का नया तरीका निकाला है। गोरखपुर में सपा की देश बचाओ-देश बनाओ रैली का प्रचार के लिए कई जगह टी स्टॉल लगाए गए और चाय पिलाकर रैली का आमंत्रण दिया। ऐसे टी स्टॉल कई और जिलों में भी लगाए गए और तर्क दिया कि यह नकल नहीं बल्कि स्वाभाविक आयोजन है।
चाय की इस सियासत में कांग्रेस भी कूद पड़ी है। गोरखपुर में जिलाध्यक्ष डा.सैयद जमाल के नेतृत्व में कार्यकर्ता काफी और मिल्क स्टॉल लगा रहे हैं। राहुल गांधी की तस्वीर लगे गिलास में लोगों को गरम दूध पिलाया जा रहा है। कांग्रेस शहर से ग्रामीण अंचल तक इसका विस्तार करेगी। डा. सैयद जमाल कहते हैं कि यह नकल नहीं है बल्कि भाजपा को हमारा करारा जवाब है। चाय विदेशी पेय है जबकि दूध स्वदेशी है। हम यही संदेश दे रहे हैं कि भाजपा की चाय स्वास्थ्यव‌र्द्धक नहीं है जबकि दूध स्वास्थ्यव‌र्द्धक है।

कोई टिप्पणी नहीं: