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इससे पहले कि आप थिएटर पर ये फि
ल्में देखने के लिए जाएं, हम आपको संक्षेप में इन दोनों फिल्मों के बारे में बता देते हैं।
हाईवे: कहा जाता है कि पढ़ाई से ज्यादा दुनिया की सैर हमें परिपक्व बनाती है। ऐसे ही कुछ भावों व जिज्ञासाओं के इर्द-गिर्द इम्ति्याज अली ने हाईवे की कहानी गढ़ी है। उनके होम प्रोडक्शन हाउस विंडो सीट के बैनर तले बनी हाईवे में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान और जम्मू कश्मीर की यात्रा के साथ ही वहां के लोकगीत भी शामिल हैं। आलिया एक उद्योगपति की बेटी वीरा त्रिपाठी बनी हैं। रणदीप हुड्डा देहाती अपहर्ता की भूमिका में हैं। वीरा के अपहरण के बाद अपहर्ताओं को पता चलता है कि उसके पिता से फिरौती वसूलना मुमकिन नहीं। फिर वीरा को वापस घर भेजने की तैयारी होती है। इस लंबे सफर के दरम्यान वीरा का सामना जिंदगी की कड़वी हकीकतों से होता है, पर वह जिंदगी उसे भा जाती है। वह वापस लौटना नहींचाहती। ऐसा क्यों होता है, फिल्म उसके बारे में है। इस फिल्म का संगीत दिया है ए.आर.रहमान ने।
डर एट मॉल: 'रागिनी एमएमएस' फेम निर्देशक पवन कृपलानी की 'डर एट द मॉल' थ्रिलर' फिल्म है। इस फिल्म में जिम्मी शेरगिल हांटेड कहे जाने वाले एक मॉल के सिक्योरिटी गार्ड की भूमिका में हैं। इस मॉल को लेकर लोगों का डर दूर करने के लिए मॉल के मालिक वहां एक रात बिताने का फैसला करते हैं, इस दरम्यान कुछ ऐसा घटता है, जिससे कई लोगों का अतीत जुड़ा है। क्या है अतीत की वह कहानी, यही फिल्म का सस्पेंस है। फिल्म में अन्य मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं नुसरत भरूचा, आसिफ बसरा और आरिफ जकारिया ने। इसके संगीतकार हैं शंकर-एहसान-लॉय।
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