सोमवार, फ़रवरी 24, 2014

अजहरुद्दीन संसद में सिर्फ पांच बार ही बोले

मुरादाबाद
चुनाव के वक्त अवतरित होने वाली सेलीब्रेटी को क्षेत्र से जीतने के बाद कितना लगाव है, 15वीं लोकसभा का परिणाम इसका गवाह है। अपने संसदीय क्षेत्र में मुरादाबाद आने से परहेज रखने वाले सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन ने संसद में बोलने से भी परहेज रखा। पांच वर्ष में सिर्फ पांच सवाल ही पूछे। रामपुर की सांसद जयाप्रदा ने भी संसद की दहलीज से ही दूरियां बनाकर रखीं।
अभी लोकसभा चुनाव का बिगुल नहीं बजा है लेकिन 15वीं लोकसभा के सदस्यों ने विदाई की औपचारिकता पूरी कर ली है। इसी के साथ सांसदों के कामकाज की समीक्षा भी होने लगी है। कौन सांसद कितने दिन संसद में मौजूद रहा? कितने प्रश्न किए? क्त्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहकर 2009 में राजनीति में आए अजहरुद्दीन को मुरादाबाद की जनता ने संसद भेजा। जीतने के बाद उन्होंने क्षेत्र की ओर तो मुड़कर देखा ही नहीं, संसद में भी क्षेत्रीय समस्याओं को उठाने से भी दूरी बनाए रखीं। मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर व अमरोहा के सांसदों में सबसे कम बोलने वाले मुरादाबाद के सांसद अजहरुद्दीन ही रहे। उन्होंने सिर्फ पांच बार ही बहस में हिस्सा लिया और इतने ही सवाल लोकसभा में पूछे। 352 दिन चलने वाली संसद में जयाप्रदा ने 138 दिन ही उपस्थिति दर्ज कराई।
मुरादाबाद मंडल के चार सांसदों में डा. शफीकुर्रहमान बर्क को छोड़ दें तो अजहरुद्दीन, जयाप्रदा व देवेंद्र नागपाल की उपस्थिति शत-प्रतिशत नहीं रही। डा. बर्क सिर्फ एक दिन अनुपस्थित रहे। संसद में 268 दिन उपस्थित रहने वाले अजहरुद्दीन ने महानगर के पीतल उद्योग से जुड़ा सवाल किया, जबकि चार अन्य सवाल किए। रामपुर से सांसद बनीं फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा ने रामपुर के विकास से जुड़े सवालों के अलावा कई बहस में भी हिस्सा लिया। सम्भल के बसपा सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने संसद में सवाल पूछने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमरोहा से रालोद सांसद देवेंद्र नागपाल ने 191 दिन उपस्थित रहकर गन्ना किसानों की समस्याओं को जोरशोर से उठाया।

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