नई दिल्ली। आम चुनाव की नजदीकी और चुनावी सर्वेक्षणों से उत्साहित भाजपा का अब सारा जोर अपनी सीटों को बहुमत के आंकड़े से पार पहुंचाने पर लगा है। इस लिहाज से वह जहां एक और बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी [एलजेपी] प्रमुख रामविलास पासवान पर दांव लगा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश में वह इंडियन जस्टिस पार्टी के नेता उदितराज पर पासा फेंक रही है।
भाजपा से एलजेपी के गठबंधन के संबंध में पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने कहा है कि इस बारे में अभी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। उन्होंने माना कि इस मुद्दे पर पार्टी में कुछ असमंजस बरकरार है लिहाजा यह बैठक बुलाई गई है। दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चिराग ने कहा कि इसका फैसला तभी होगा जब दोनों पार्टियों के गठबंधन की औपचारिक घोषणा हो जाएगी। मोदी से बढ़ रही नजदीकियों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी को कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है, लिहाजा दोनों पार्टियां आपस में मिल सकती हैं।
वहीं उदितराज ने अपने भाजपा के साथ जाने की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि अन्य दलों के मामले में भाजपा दलितों के मामले में अन्य से बेहतर है। उन्होंने भाजपा की जमकर तारीफ भी की। उदित ने कहा कि वह पहले जरूर इस पार्टी के विरोध में थे लेकिन समय के साथ उनकी सोच भी बदल गई है। इसके अलावा यह एकमात्र पार्टी है जो दलित और आदिवासी की भागीदारी को मान सकती है।
दूसरी ओर एलजेपी के नेता सूरजभान ने कहा है कि भाजपा के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन को लेकर सब कुछ अब साफ हो चुका है, बस इसका ऐलान भर होना बाकी है, जो दोनों पार्टियों के अध्यक्षों की मुलाकात के बाद ही होगा। हालांकि उन्होंने इस चुनाव में एलजेपी के हाथों में कितनी सीटें मिलेंगी इस सवाल के जवाब को वह टाल गए।
गौरतलब है कि आम चुनाव के मद्देनजर राजद और एलजेपी में सीटों को लेकर कोई तालमेल नहीं हो सका। माना जा रहा है कि चुनाव पूर्व सर्वे और राजद से समझौता न होना ही उनके भाजपा के साथ जाने की बड़ी वजह बनी है। भाजपा एलजेपी के जरिए बिहार के दलितों को अपनी ओर लाने की पूरी कोशिश करेगी।
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