नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी की लखनऊ रैली के साथ ही जमीनी स्तर पर घर- घर तक मोदी को पहुंचाने की कवायद तेज हो जाएगी। 15 दिन में राज्य के आठ हजार से ज्यादा गांवों से मोदी का चुनावी रथ गुजरेगा। लगभग गुजरात चुनाव की तर्ज पर ही आधुनिक तकनीकी साजो समान से सजा मोदी का 3डी रथ जनता तक उनका संदेश पहुंचाएगा, उनकी रैलियां दिखाएगा और यह भरोसा देगा कि भाजपा आई तो विकास तय है।
उप्र की कमान संभाल रहे मोदी के विश्वस्त और सिपहसालार अमित शाह ने चुनावी गोटियां बिछानी शुरू कर दी है। दो मार्च को प्रदेश में तय भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की आठ बड़ी रैलियां खत्म हो जाएंगी। संभवत: उससे पहले ही कुछ उम्मीदवारों के भी नाम तय हो सकते हैं। ऐसे में जमीनी प्रचार की रूप रेखा तैयार हो गई है। 'घर घर चलो' और 'मोदी फॉर पीएम' अभियान तो पहले से चल रहा है।
शाह मथ चुके हैं 62 जिले
बताते हैं कि खुद अमित शाह प्रदेश के 62 जिलों में रात्रि विश्राम कर चुके हैं। यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि विश्राम या भोजन कार्यकर्ताओं के ही आवास पर हो। दूसरे नेताओं को भी ऐसे ही कार्यक्रम की सलाह दी गई है। प्रचार में भी आधुनिक तकनीक के हिमायती रहे मोदी की 'चाय पर चर्चा' की शुरूआत हो गई है जिसमें वह खुद ही जनता के सवालों का जवाब देते हैं। इसके जरिए दो करोड़ लोगों से सीधा संपर्क साधने की कोशिश है।
घर-घर मोदी
दूसरी तरफ शाह ने उप्र के हर गांव को मथने की तैयारी कर ली है। बताते हैं कि ऐसे 55 ट्रक मोदी रथ के रूप में तैयार हो रहे हैं जिसमें एलइडी स्क्रीन लगा होगा। 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' के नारे के साथ हर ट्रक रोज 10 गावों में जाएगा। खास तौर पर तैयार किया गया 'मोदी आने वाला है' का वीडियो संगीत, बैनर, पोस्टर हर गांव तक पहुंचेगा। पहले 15 दिनों में आठ हजार से ज्यादा गावों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश में भाजपा कम से कम 40 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। बताते हैं कि इसी तर्ज पर बिहार और दूसरे अहम राज्यों में भी मोदी का जमीनी चुनाव प्रचार तेज होगा। ध्यान रहे कि आगामी चुनाव में ऐसे युवाओं की बड़ी पीढ़ी तैयार हो गई है जो लोकसभा के लिए पहली बार वोट डालेंगे। जबकि पिछले दिनों में महिलाओं का उत्साह खूब दिखा है। ऐसे में कोशिश होगी कि चुनावी रथ के जरिए इन दो वर्गो को साधा जाए।
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