शनिवार, जनवरी 11, 2014

केजरीवाल के अनुभव पर किरन बेदी ने कसा तंज

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की एक नई पहल भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी की भेंट चढ़ गई। सीधे जनता से मिलकर उनकी समस्याएं हल करने के लिए शनिवार की सुबह लगाया गया सरकार का जनता दरबार अपने मकसद में फेल हो गया। इस जनता दरबार में मची अफरा-तफरी की जबर्दस्त आलोचना हो रही है। पहले टीम अन्ना में अरविंद केजरीवाल के साथ काम कर चुकीं किरन बेदी ने जोरदार कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'भगवान के लिए, अरविंद और टीम, सचिवालय छतों से नहीं चलाए जाते! प्लीज सुनने-समझने में वक्त लीजिए! तब जाकर अच्छे से विचार करके फैसले लीजिए। गौरतलब है कि जनता दरबार में आई भीड़ को केजरीवाल ने सचिवालय की छत पर चढ़ कर संबोधित किया था।'
दिल्ली सरकार के पहले जनता दरबार में मची अफरा-तफरी के बाद विरोधी पार्टियां उनके ऊपर टूट पड़ी हैं। कांग्रेस महासचिव और पूर्व मंत्री शकील अहम ने भी अरविंद केजरीवाल के जनता दरबार चुटकी ली। उन्होंने इस पर एक उर्दू का एक शेर सुनाया। शकील अहमद ने कहा 'इब्तदा ए इश्क है, रोता है क्या, आगे-आगे देखिए होता है क्या।' कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने भी अरविंद केजरीवाल की इस कार्यशैली की निंदा की है। बिहार बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने इसे सियासी नौटंकी बताया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए काम कर रहे हैं।
केजरीवाल सरकार की के इस जनता दरबार पर सबसे ज्यादा तंज उनकी पूर्व सहयोगी किरन बेदी कसा। ध्यान रहे कि किरन बेदी का बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है। पिछले दिनों वह बतौर पीएम नरेंद्र मोदी का खुलेआम समर्थन कर चुकी हैं। इस अफरा-तफरी का माहौल देखने के बाद अपने पहले ट्वीट में बेदी ने कहा, 'भगवान के लिए, अरविंद और टीम, सचिवालय छतों से नहीं चलाए जाते! प्लीज सुनने-समझने में वक्त लीजिए! तब जाकर अच्छे से विचार करके फैसले लीजिए।' उसके कुछ देर बाद किरन ने फिर ट्वीट किया। इन बार उन्होंने लिखा, 'शासन चलाने के अच्छे और बुरे तरीकों का पता होना चाहिए। अनुभवी नेतृत्व अच्छी परंपराएं स्थापित करता चलता है और बुरी परंपराओं का हटाता जाता है।'

कोई टिप्पणी नहीं: